गोंदिया। अपर्याप्त बिजली आपूर्ति एवं अघोषित बिजली कटौती को लेकर जिले के सड़क अर्जुनी और अर्जुनी मोरगांव तहसील के 10 गांवों के किसानों ने संगठित होकर नेशनल हाईवे के कोहमारा चौराहे पर सोमवार 11 मार्च के दोपहर 12: 30 से 1:15 बजे तक चक्का जाम आंदोलन कर दिया जिसके कारण नागपुर- रायपुर राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 53 इस सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई , किसानों का यह रास्ता रोको आंदोलन लगभग 45 मिनट तक चलता रहा इसके बाद डुग्गीपार पुलिस एक्शन में आई और धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने उठाकर जबरन वैन में डाला और थाने ले गई , अब इस मामले को लेकर 60 के लगभग किसानों पर धारा 143 , 341 सहकलम 135 महाराष्ट्र पुलिस कायदा का जुर्म दर्ज किया गया है।
जिन किसानों पर मामला दर्ज हुआ है उनमें महेश उर्फ मिथुन मेश्राम ( 29 , बिडटोला तहसील अर्जुनी मोर ) , दिनेश कोरे ( 44 , घोटी ) प्रकाश रहांगडाले ( 57 म्हसवानी ) महेश कापगते ( 45 भुसारटोला ) पूरनलाल रहांगडाले ( 56 गोंगले ) नरेश चौहान ( 48 बोथली ) नेतराम ब्राह्मणकर ( 52 घोटी ) , घनश्याम गजभिए (38 गोंगले ) सुखदास वरकड़े ( 42 बाकीटोला ) भोजराज चौधरी ( 50 गोंगले ) उमेश्वर ठाकरे ( 42 म्हसवानी ) रमेश पारधी ( 50 म्हसवानी ) गोविंद राजगीर ( 68 म्हसवानी ) सहसराम पटले ( 55 गोंगले ) गोपीचंद चौहान ( 53 गोंगले ) खेमराज गौतम ( 65 म्हसवानी ) नानू नेवारे ( 50 म्हसवानी ) भोलाराम राउत ( 49 गोंगले ) आनंदराम मानकर ( 45 म्हसवानी ) बुधराम परशुरामकर ( 44 भुसारीटोला ) व अन्य 25 से 30 किसानों का समावेश है।
पुलिस का इस मसले पर कहना है कि 50 से 60 लोगों ने गैर-कानूनी तरीके से मंडली तैयार की और पूर्व अनुमति ना लेते हुए जिलाधिकारी के आदेश तथा धारा 37 (1 ) ( 3 ) के मनाई आदेश का उल्लंघन करते हुए नेशनल हाईवे के कोहमारा चौराहे पर धरना प्रदर्शन करते हुए रास्ता रोको आंदोलन किया जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हुई लिहाजा मामला दर्ज किया गया है।
उद्योगपतियों को 24 घंटे बिजली , कृषि पंपों को 12 घंटे क्यों नहीं ?
किसानों का कहना है कि नवंबर माह से वे बार-बार विद्युत विभाग और जनप्रतिनिधियों से पत्राचार कर 12 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार किसानों की सुध नहीं ले रही है , राज्य के उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शीतकालीन सत्र दौरान घोषणा की थी कि किसानों के कृषि पंपों को 12 घंटे बिजली आपूर्ति करेंगे लेकिन उद्योगपतियों को 24 घंटे बिजली मिल रही है फिर कृषि पंपों को 12 घंटे बिजली क्यों नहीं मिलती ?
सरकार की अनदेखी और बिजली विभाग की अपेक्षा के कारण वे परेशान है ।
धान की खेती के लिए पानी की भरपूर आवश्यकता होती है अभी खेतों में धान अंकुरित हो रहा है किंतु 8 घंटे की जगह 6 घंटे ही बमुश्किल बिजली मिल पा रही है पानी के अभाव में रब्बी की फ़सल चौपट हो रही है इसीलिए आक्रोशित किसानों ने आज रास्ता रोको आंदोलन का निश्चय किया अगर तीन-चार दिनों में समस्या नहीं सुलझी तो विद्युत विभाग के दफ्तर पर धड़क मोर्चा निकाला जाएगा इस बात की चेतावनी भी किसानों द्वारा दी गई है।
रवि आर्य