Published On : Sat, Mar 6th, 2021

गोंदिया: महाशिवरात्रि के मेलों पर कोरोना का ग्रहण

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प्रतापगढ़ तीर्थ क्षेत्र में लगने वाला ऐतिहासिक मेला इस बार नहीं लगेगा

गोंदिया: शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि बहुत खास होती है । फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है 11 मार्च गुरुवार को यह पर्व श्रद्धा और उमंग के साथ मनाया जाएगा ।

यूं तो प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है किंतु इस बार महाराष्ट्र में कोरोना काल के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित मेले और विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से अधिसूचना जारी करते हुए रोक लगाने का फैसला लिया गया है।
कलेक्टर ने जारी की अधिसूचना , महाशिवरात्रि के आयोजन रद्द

जिला आपत्ती व्यवस्थापन प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी दीपककुमार मीणा की ओर से 2 मार्च को अधिसूचना जारी करते कहा गया है- जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील अंतर्गत आने वाले हैं प्राचीन व दर्शनीय स्थल प्रतापगढ़ में महादेव की विशालकाय प्रतिमा एवं प्राचीन मंदिर है वहीं पड़ोस में सूफी संत ख्वाजा उस्मान गनी हारुनी की मजार भी है यहां 9 मार्च से 15 मार्च तक लगातार 5 दिनों के लिए मेले और उर्स शरीफ का आयोजन किया जाता है तथा इस दौरान धार्मिक यात्रा ओर जुलूस निकाले जाते हैं ‌

इस धार्मिक यात्रा में हर साल जिले और राज्य भर से 3 लाख से अधिक श्रद्धालु और भक्तगण अपनी मन्नतें अदा करने पहुंचते हैं‌ , वर्तमान में गोंदिया जिले में कोरोना रोगियों की संख्या कम होने के बावजूद यदि महाशिवरात्रि अवसर पर 11 मार्च को यात्रा आयोजित की जाती है तो कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता ?

आम जनता के स्वास्थ्य के मद्देनजर इसके लिए तत्काल निवारक उपायों की आवश्यकता है लिहाजा अर्जुनी मोरगांव के प्रतापगढ़ सहित गोंदिया जिले के सभी सार्वजनिक स्थानों पर महाशिवरात्रि के आयोजन को रद्द करने का फैसला जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है यदि कोई व्यक्ति , संगठन या समूह आदेश का उल्लंघन करता है तो वह संक्रमण रोग अधिनियम 1897 , आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत अपराध माना जाएगा और दोषियों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है प्रतापगढ़ तीर्थ क्षेत्र
प्राकृतिक सौंदर्य और सर्वधर्म समभाव के प्रतीक प्राचीन व दर्शनीय स्थल प्रतापगढ़ तीर्थ क्षेत्र में महाशिवरात्रि की यात्रा का बहुत महत्व है।

एक ही स्थान पर हिंदू – मुस्लिम संस्कृति का मिलन होता है। प्रतापगढ़ की ऊंची पहाड़ियों पर महादेव के विशालकाय प्रतिमा एवं प्राचीन मंदिर है वहीं पड़ोस में ही सूफी संत ख्वाजा उस्मान गनी हारुनी की मजार भी है।

सौहार्द के प्रतीक दरगाह पर चादर चढ़ाकर यहां हिंदू -मुस्लिम भाईचारे और अमन की दुआ मांगी जाती है।
कोरोना काल की वजह से प्रतापगढ़ तीर्थ क्षेत्र में 9 मार्च से 15 मार्च तक होने वाले सभी आयोजन एहतियातन रद्द करने का निर्णय राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर लिया गया है।

रवि आर्य