नगर परिषद प्रशासन के वादाखिलाफी से गणेशनगर वासियों में रोष
गोंदिया। गणेशनगर वासियों के लिए मोक्षधाम परिसर से सटा कूड़ा डंपिंग यार्ड यह एक धुआं , बदबू , वायु प्रदूषण जैसी स्वास्थ्य समस्या है , लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और नगर परिषद जनप्रतिनिधियों के लिए यह अपनी सियासत चमकाने का एक जरिया ..!!
कमोबेश इसी का नतीजा है कि इस मुद्दे को अब नफे नुकसान के तराजू में तौला जा रहा है तथा नगर परिषद प्रशासन द्वारा समस्या का स्थाई हल खोजने के बजाय टकराव की स्थिति निर्माण की जा रही है ।
उल्लेखनीय है कि डंपिंग यार्ड हटाने को लेकर गणेश नगर वासियों ने एकजुटता का परिचय देते हुए गुरुवार 11 नवंबर को नगर परिषद के खिलाफ निषेध मोर्चा निकाला था।
इस जन आंदोलन में शामिल लोगों के शिष्टमंडल से नगर परिषद मुख्य अधिकारी करण चौहान , नगराध्यक्ष अशोकराव इंगले , स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन तथा उपाध्यक्ष शिव शर्मा , बांधकाम सभापति राजकुमार कुथे द्वारा चर्चा की गई और इस बात पर सहमति बनी कि डंपिंग यार्ड के स्थानांतरण और शहर की कूड़ा समस्या का स्थाई हल खोजने हेतु मंगलवार को विशेष आम सभा बुलाई जाएगी , और तब तक शहर के 42 वार्डों से निकलने वाले कूड़े करकट पर तीन-चार दिनों के लिए रोक रहेगी और इस दौरान डंपिंग यार्ड पर, ना कूड़ा गिरेगा- ना कूड़ा जलेगा ?
गाड़ी वाला आया.. घर से कचरा निकाल
लेकिन आज शुक्रवार 12 नवंबर की सुबह हुआ इसके उलट , सियासत करने वालों ने अपनी सियासत की और नगर परिषद जनप्रतिनिधि और अधिकारी वादाखिलाफी करते हुए अपने वादे से मुकर गए।
रोज की तरह निर्मल टाकिज निकट स्थित पेट्रोल पंप से डीजल भरवा कर नगर परिषद के 6 ट्रैक्टर और 12 हॉपर तथा 21 घंटा गाड़ी ( हॉपर ) गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल ..यह मधुर संगीत बजाते हुए कचरा एकत्र करने निकल पड़े।
जब गणेश नगर के बाशिंदों को इस बात की जानकारी मिली कि डंपिंग यार्ड पर कचरे से लदी गाड़ीयां फिर से पहुंचनी शुरू हो गई है तो पब्लिक में आक्रोश फूट पड़ा।
भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच नगर परिषद मुख्य अधिकारी इस बात पर अड़े थे कि कचरा यही गिरेगा ? वहीं निजी जमीन मालक प्रमोदकुमार अग्रवाल व अन्य अपनी खसरा नंबर 294 व 295 के रजिस्ट्री (मालकीयत ) के कागजात लेकर पहुंच गए कि यह जमीन हमारी है ,और बिना मौखिक या लिखित परमिशन के निजी जमीन पर कचरा डालना यह गैरकानूनी है और हम अपनी जमीन को नगर परिषद का डंपिंग यार्ड बनने नहीं देंगे ?
थक हार कर , नगर परिषद के मोक्षधाम पार्किंग में फेंका गया कचरा
जब कल बैठक में इस बात की सहमति बनी कि विशेष सभा होने तक कचरा अब डंपिंग यार्ड पर नहीं डाला जाएगा तो शहर से कचरा उठाने के लिए ट्रैक्टर और कचरा गाड़ी कैसे निकाले गए ?
इस पर मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग अधिकारी खापर्डे और नगर परिषद स्वास्थ्य निरीक्षक एक ही रट लगाते रहे कि हम नगराध्यक्ष और उपाध्यक्ष की बात नहीं मानेंगे , हमें सीईओ के आदेश है कि कचरा गाड़ियां डंपिंग यार्ड में खाली करवाओ, अगर सीईओ का लिखित आदेश है तो दिखाओ ?
सीईओ के पहुंचने पर भी मामला नहीं सुलझा और आखिरकार अड़ियल रुख पर अड़े सीईओ को भी पब्लिक के आगे झुकना पड़ा तथा नगर परिषद मालकीयत की मोक्षधाम जमीन के (पार्किंग स्थल) पर कचरे की दर्जनों गाड़ियां खाली करनी पड़ी जिसे लेकर अब मोक्ष धाम सेवा समिति नाराजी व्यक्त कर रही है।
रवि आर्य