Published On : Sat, Jul 18th, 2020

गोंदिया एसीबी का ’ऑपरेशन शिकंजा ’ घूस लेते API ओर साथी कांस्टेबल गिरफ्तार

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गोंदिया : गोंदिया एसीबी दफ्तर पहुंचने वाली शिकायतों के आंकड़ों पर गौर करें तो पुलिस महकमे के भीतर व्याप्त रिश्‍वत के राज खुलते जा रहे हैं।

बकायदा हर चीज के रिश्‍वत के रेट तय है, हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम के लिए रिश्‍वत का खुल्ला खेल चल रहा है।

गोंदिया ग्रामीण थाने में तो भ्रष्टाचार में भी पूरी तरह से शिष्टाचार निभाया जा रहा है। लेकिन लोगों की जागरूकता अब खाकी वर्दी पर भारी पड़ रही है या यूं कहें कि गोंदिया ग्रामीण थाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।

19 जून 2020 को थानेदार अतुलकर और उप निरीक्षक गुटाल केस निपटारे के लिए शिकायतकर्ता से 35000 की रिश्‍वत लेते धरे गए थे ।

आज शनिवार 18 जुलाई 2020 यानी एक माह के भीतर फिर एसीबी टीम ने ग्रामीण थाना कोतवाली में ऑपरेशन शिकंजा के तहत दस्तक दी तथा शिकायतकर्ता होटल मालिक से रिश्‍वत लेते हुए सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत पवार और उसके राइटर सिपाही शरद चौहान इन्हें धरदबोचा ।

इन दोनों घूसखोरों के खिलाफ उसी ग्रामीण थाने के स्टेशन डायरी रजिस्टर में रिश्‍वत का जुर्म दर्ज किया गया है जहां की केबिन में बैठकर यह पब्लिक को वर्दी की धौंस दिखाया करते थे।

मामला कुछ यूं है कि.. शिकायतकर्ता एक होटल का मालिक है जिसके माध्यम से वह अवैध शराब की बिक्री भी करता है।

2 जुलाई 2020 को शिकायतकर्ता अपनी होटल में मौजूद था तभी ग्रामीण थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत पवार अपने पुलिस दल के साथ होटल में पहुंचे तथा उन्होंने होटल की तलाशी ली लेकिन उन्हें कोई अवैध शराब मिली नहीं , परंतु जब उन्होंने कंपाउंड के बाहर शराब की खाली बोतलें देखी तो शिकायतकर्ता से कहा कि, वह अवैध शराब का कारोबार करता है, इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई होगी? तत्पश्‍चात सपोनि पवार इन्होंने पुलिस सिपाही शरद चौहान को शिकायतकर्ता के पास भेजा और चव्हान ने शिकायतकर्ता से कहा- साहेब ने 15000 रूपये देने को कहा है, यदि तुम रूपयों की व्यवस्था करते है तो तुम्हारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

शिकायतकर्ता ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता दर्शायी तो चव्हान ने कहा- साहब, 10 हजार से कम नहीं लेगा, यदि अवैध शराब का कारोबार करना चाहते हो तो तुम्हें 10 हजार की मंथली देना होगा।

होटल मालक के खिलाफ दारूबंदी कानून के तहत कार्रवाई न करने के एवज में 10 हजार में से शेष रकम 2 हजार रूपये तथा 10 हजार मासिक किश्त इस तरह 12 हजार रूपये देने की इच्छा न होने पर अर्जदार ने 4 जुलाई को भ्रष्टाचार प्रतिबंध विभाग के गोंदिया दफ्तर पहुंच शिकायत दर्ज करा दी।
इस प्रकरण की जांच के दरमियान सहायक पुलिस निरीक्षक पवार व पुलिस सिपाही चव्हान द्वारा शिकायतकर्ता के खिलाफ अवैध शराब बिक्री व्यवसाय हेतु कार्रवाई न करने तथा चालु माह की मासिक किश्त हेतु रिश्‍वत की मांग करने की फोन रिकार्ड द्वारा पुष्टि हुई जिसके बाद आज 18 जुलाई को दोनों घूसखोरों के खिलाफ गोंदिया ग्रामीण थाने में धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून 1988 (सुधारित अधिनियम 2018) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।

यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मी नांदेडकर, अप्पर अधीक्षक राजेश दुद्दलवार (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत कोकाटे, पुलिस निरीक्षक शशिकांत पाटिल, उपनिरीक्षक शिवशंकर तुंबड़े, विजय खोब्रागड़े, पो.ह. प्रदीप तुलसकर, राजेश शेंद्रे, नापोसि रंजीत बिसेन, नितीन रहांगडाले, राजेंद्र बिसेन, दिगंबर जाधव, मनापोसि वंदना बिसेन व चालक पो.ह. देवानंद मारबते द्वारा की गई।

रवि आर्य