Published On : Mon, Jun 3rd, 2019

गोंदियाः भू-सुरंग से विस्फोटक बरामद

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नक्सलियों के मंसूबे नाकाम- गन पाऊडर, जिलेटिन छड़, इलेक्ट्रानिक डिटोनेटर जब्त

गोंदिया: जिला पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित जंगल क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन व कोम्बिंग ऑपरेशन चलाया जाता है। एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर मूव कर रही पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने के उद्देश्य से एक षड़यंत्रकारी योजना के तहत भू-सुरंग बिछाये जाने की पुख्ता जानकारी खबरी से मिलने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक विनीता साहू के मार्गदर्शन में उपविभागीय पुलिस अधिकारी (आमगांव) जालिंदर नालकुल तथा देवरी उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत ढोले के नेतृत्व में बॉम्ब निरोधक दस्ते के साथ सी-60 कमांडों की मदद से सालेकसा तहसील के टेकाटोला से मुरकुटडोह जाने वाले मार्ग पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया इसी दौरान ग्राम लटोरी के निकट नाले के पाइप में भू-सुरंग बिछी दिखायी दी तथा व्यवस्थित एक बड़े जर्मन डिब्बे पर खाकी रंग की टेप चढ़ाकर पाइप में छिपाकर रखा गया सिलवर रंग का दानेदार विस्फोटक पदार्थ जिसमें कांच के टुकड़े और खिल्ले का मिश्रण डालकर रखा गया था, साथ ही उसे डिटोनेटर से जोड़कर भी रखा गया था। नक्सलियों का मकसद बैटरी से करंट देकर शक्तिशाली विस्फोट द्वारा पुलिस जवानों की जान लेना था।

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पुलिस ने मौके से सुपर पॉवर 1 नग जिलेटिन स्टिक, 1 नग इलेक्ट्रानिक डिटोनेटर, 90- सोलर नामक 125 ग्राम पाउडर, काले रंग की 125 फिट लंबी फ्लैग्झिबल वायर तथा हरे व सफेद रंग की 175 फिट लंबी केबल आदि साहित्य को बॉम्ब निरोधक दस्ते ने सुरक्षात्मक उपकरणों से लैस होकर उसे निष्क्रिय (डिफ्यूज) करते हुए नक्सलियों की एक बड़ी षड़यंत्रकारी योजना को विफल कर दिया।
गौरतलब है कि, गत माह गड़चिरोली जिले के कुरखेड़ा में कुछ इसी तरह का आईडी ब्लास्ट हुआ था जिसमें 15 जवान शहीद हुए थे। इस वारदात के बाद से गोंदिया पुलिस अलर्ट पर थी।

बरामद विस्फोटक, आरडीएक्स नहीं?
आयोजित पत्र परिषद में पुलिस अधीक्षक विनीता साहू ने बताया, बरामद विस्फोटक पदार्थ आरडीएक्स नहीं है? शुरूवाती जांच में गन पाऊडर के अंश मालूम पड़ते है, साथ ही अमोनियम पेस्ट के एक्सप्लोजिव की गंध भी प्रायमेसी आ रही है। इस विस्फोटक के साथ जिलेटिन स्टिक भी यूस किया गया है जो दुसरे विस्फोटक की इनसेन्टिसी बढ़ाने के काम आता है। केबल और वायर की लंबाई भी बहुत ज्यादा है जिससे समझ में आता है कि, नक्सली घात लगाकर सही मौके का इंतजार कर रहे थे। तैयारी जो थी वह सोच-समझकर की गई थी, बैटरी की कमांड देकर इसका उपयोग किया जाता है, पुलिस ने तत्परर्ता दिखाते हुए साजिश को नाकाम कर दिया।

नक्सलियों के लिए छुपना आसान, हमारे लिए उन्हें ढूढ़ना मुश्किल – साहू
नक्सलग्रस्त गोंदिया जिले की सालेकसा तहसील, यह छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती इलाके से लगी हुई है लिहाजा इस इलाके को नक्सलियों का रेस्टजोन भी कहा जाता है। अब भू-सुरंग से विस्फोटक बरामद होने के बाद नक्सलियों की मौजुदगी इस इलाके में है , क्या यह इस ओर इशारा नहीं करता? के सवाल का जवाब देते पुलिस अधीक्षक विनीता साहू ने कहा- शतप्रतिशत मूमेंट आप कैसे बंद करोगे? इलाका घने जंगलों से घिरा है, जिला पुलिस अपने क्षेत्र की आखरी सरहद तक जा सकती है, किन्तु नक्सलियों के लिए जंगल एक खुले मैदान की तरह है। वे एक शोर से दाखिल होकर कई जिलों को पार करते हुए दुसरे राज्य में प्रवेश कर जाते है, उनके लिए छुपना आसान है, हमारे लिए उन्हें ढूंढना मुश्किल.. ? लिहाजा आपको हमेशा मुस्तैद रहना होगा? कुरखेड़ा की घटना के बाद गोंदिया पुलिस अलर्ट पर थी, इसी वजह से यह ट्रैक हो पाया।

नक्सली मौके की तलाश में थे, 3 दलम के 29 पर मामला दर्ज
जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा- सालेकसा तहसील के आस पास वर्तमान में 3 दलम एक्टिव है, जिनमें तांडा दलम, मलाजखंड दलम और दर्रेकसा दलम शामिल है। इस प्रकरण के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कुल 29 नक्सलियों के खिलाफ धारा 307, 120 (ब) सहकलम 4 भारतीय हथियार कायदा सहकलम 16, 20, 23 बेकायदा हलचल प्रतिबंधक अधिनियम का जुर्म दर्ज करते हुए पंच व गवाहों के समक्ष विस्फोटक को सुरक्षित बाहर निकाल उसका जब्ती पंचनामा करते हुए आगे की जांच पड़ताल की जा रही है।

– रवि आर्य

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