घाटंजी (यवतमाल)। 15 मई को शासन के प्रतिनिधी के तौर पर प्रधान सचिव प्रभाकर देशमुख ने करीब 4 घंटे चर्चा की. बाद में शाम 6 बजे तालुका के सबसे अधिक किसान आत्महत्या हुए सायतखर्डा के ग्रामपंचायत कार्यालय में सभी आत्महत्याग्रस्त परिवारों को बुलाकर चर्चा की. इस दौरान सरपंच मालन दादारावजी शेंडे और सदस्यगण उपस्थित थे तथा उपविभागीय अधिकारी संदीप अपार तहसीलदार एम.एम. जोखर समेत कृषि विभाग और अन्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे.
सायतखर्डा में सन 2001 से 2015 में 13 आत्महत्या हुई है. इसमें 5 आत्महत्याएं पात्र है. गहराई से जांच करके सभी परिवार से चर्चा की गई. अनेकों ने अपनी आर्थिक स्थिति और लगातार हो रही बिन फसल, महंगे बिज, उर्वरक, बेटियों की शादी की चिंता ऐसा कारण बताया. गांव के समीप पाझर तालाब में जा रही किसानों की खेती के बदले आर्थिक मांग की गई. उसके बाद शाम 6.30 बजे दलापूर (झटाला) परिसर के शामराव नेवारे के खेत के मिट्टी के बांध को देखा गया. इसके बाद आयुक्त पांढरकवडा की सभा के लिए रवाना हुए.