Published On : Fri, Aug 31st, 2018

अपराध जगत का पोस्टर ब्वाय माथनकर और उसकी गैंग मोका मामले से बरी

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नागपुर: अपराध क्षेत्र में पोस्टर ब्वाय की छवि बनाने वाले गैंगस्टर युवराज माथनकर और उसकी गैंग को मोका की विशेष अदालत ने एक मामले में बरी कर दिया है. सर्वश्रीनगर, दिघोरी निवासी सारंग नरेश अवथनकर (29) के घर पर डाका डालने के बाद पुलिस ने युवराज और उसके साथी गणेशपेठ निवासी हेमंत पंजाबराव गावंडे (44), शक्ति संजू मनपिया (35), शिवाजीनगर, महल निवासी आशीष अशोक कानतोड़े (26), नरेंद्रनगर निवासी रवि रमेश उमाठे (30) और नंदनवन निवासी विशाल मिलिंद वासनिक (24) पर मोका लगा दिया था. सारंग केडीके कालेज के पास जैन बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के नाम से प्रापर्टी डीलिंग करता है.

हेमंत उसका पार्टनर था. पैसों को लेकर दोनों का विवाद हो गया. हेमंत उसे पैसे के लिए धमकाने लगा.5 जुलाई 2016 की रात सारंग की हल्दी का कार्यक्रम था और घर में बहुत सारे मेहमान आए थे. इसी बीच हेमंत और युवराज 10 से 15 साथियों के साथ उसके घर में घुसे.

उसकी कनपटी पर पिस्तौल लगाकर जान से मारने की धमकी दी और तुरंत 10 लाख रुपये देने को कहा. पूरे परिवार और मेहमानों को कमरे में बंधक बनाए रखा.चाकू की नोक पर अन्य आरोपियों ने घर की तलाशी ली. किसी तरह सारंग वहां से भाग निकला, लेकिन आरोपियों ने उसके घर में शादी के लिए बनाए गए गहने और 1.50 लाख रुपये नकद सहित 3.50 लाख रुपये का माल लूट लिया.
लूटपाट के साथ पुलिस ने मोका का मामला दर्ज किया. तत्कालीन एसीपी क्राइम नीलेश राऊत ने मामले की जांच कर आरोपपत्र दायर किया.

न्यायाधीश एस.एस. दास की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ता आर.के. तिवारी, प्रफुल्ल मोहगांवकर और उदय डबले ने अपनी जिरह में बताया कि धारा 18 के अंतर्गत दर्ज किए गए माथनकर के जवाब में कोई सत्य नहीं है.

जांच अधिकारी को क्रास करने पर अधिकारी ने कबूल किया, माथनकर के कबूली जवाब में जो बातें बताई गई हैं उस दिशा में जांच की गई और जिन आरोपियों की लिप्तता पाई गई, उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया.

हालांकि युवराज ने अपने कबूली जवाब में गैंगस्टर संतोष आंबेकर और मारोती नव्वा भी शामिल होने की बात कही थी. सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिया गया.