Published On : Tue, Feb 6th, 2018

बाहरी लोग उपयोग करते हैं स्कूल का कम्पाउंड, नागरिकों द्वारा तोड़ दी गई दीवार


नागपुर: नागपुर महानगर पालिका की अब तक हमने कई स्कूलों को देखा है. इनमें से कुछ स्कूलों का हाल काफी खराब है तो कुछ स्कूलों का ठीक है. लेकिन यह कहना भी ठीक नहीं होगा कि स्कूलों की हालत काफी अच्छा है. मनपा की कोई भी स्कूल किसी न किसी परेशानी का सामना कर ही रही है. ऐसी ही एक स्कूल है गणेशपेठ की स्व. साखले गुरूजी उच्च प्राथमिक शाला में विद्यार्थियों की संख्या काफी अच्छी है. यहां पर 58 छात्र है तो छात्राओं की संख्या 43 है. बालवाड़ी से लेकर 8 क्लास तक के बच्चे यहां पढ़ते हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए 8 शिक्षक हैं. स्कूल में एक चपरासी है और मनपा के सफाई कर्मी आकर रोजाना सफाई करके जाते हैं. स्कूल में 12 कमरे हैं. लेकिन कप्यूटर एक भी नहीं है. दूसरी स्कूलों की तरह ही इन्हें भी कुछ वर्ष पहले कंप्यूटर दिया गया था.

लेकिन बाद में खराब हो जाने पर उसे सुधारा ही नहीं गया. स्कूल की इमारत तो ठीक है. लेकिन सबसे ज्यादा जो परेशान करनेवाली समस्या है कि स्कूल की कम्पाउंड की दीवार टूटी हुई है. साथ ही इसके परिसर के ही नागरिकों ने स्कूल के पीछे की दीवार तोड़कर रास्ता बनाया है. जिसके कारण आए दिन रोजाना आसपास के लड़के यहां आकर कम्पाउंड में ही खेलते हैं और बैठे रहते हैं. रात के समय भी असामाजिक तत्वों का यहां जमावड़ा रहता है. हालांकि स्कूल में रात के लिए एक सिक्योरिटी गार्ड है. लेकिन वह भी इन लोगों से आफत नहीं मोल लेना चाहता. स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है. बाहरी लोगों के स्कूल के भीतर खेलने से और भीतर बैठने की वजह से स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों की सुरक्षा भी खतरे में है. स्कूल के मैदान में ही परिसर के नागरिक अपना सामान लाकर रख देते है. जैसे गिट्टी, रेती, ईटा कई बार शराब की बोतलें भी स्कूल परिसर में पड़ी रहती है.


स्कूल में विद्यार्थियों के लिए सुविधा और व्यवस्था
स्कूल में विद्यार्थियों के लिए सुविधा पर्याप्त नहीं है. स्कूल में शौचालय दो हैं. एक स्कूल के बाहर है. लेकिन बाहर बनाया गया शौचालय का इस्तेमाल बाहर के लोग आकर करते हैं. जबकि इमारत के अंदर का शौचालय ठीक है. पीने के पानी की व्यवस्था स्कूल में ठीक नहीं दिखाई दी. छोटे बच्चे होने की वजह से स्कूल में छोटे बच्चों के खेलने के लिए कम्पाउंड के भीतर ही खिलोने होने चाहिए थे. लेकिन एक पुराना खिलौना दिखाई दिया . ज्यादातर स्कूलों में बालवाड़ी होने के बाद भी बच्चों के लिए खिलोने नहीं है. इसमें गलती शिक्षकों की नहीं है. यह काम मनपा प्रशासन का है. कुल मिलाकर स्कूल की व्यवस्था ठीक ठाक ही दिखाई दी. स्कूल के विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों द्वारा स्कूल वैन लगाई गई है. इसका 15 हजार रुपए प्रतिमाह का वहन स्कूल के शिक्षकों की ओर से ही किया जाता है.

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क्या कहना है स्कूल के इंचार्ज का
स्कूल की प्रिंसिपल कीर्ति वरकड़े पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से छुट्टी पर है. जिसके कारण स्कूल की जिम्मेदारी शिक्षिका कल्पना तेलरांधे को दी गई है. शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में विद्यार्थी बहुत कम आने को देखते हैं. निजी स्कूलों की प्रतिस्पर्धा संख्या कम हो रही है. उन्होंने बताया कि स्कूल कम्पाउंड के भीतर परिसर के लड़के आते हैं और क्रिकेट खेलते हैं, जिसके कारण क्लास में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को परेशानी होती है. बाहरी लोगों को रोकने के लिए स्कूल के गेट पर ताला लगाने पर परिसर के लड़के ताला तोड़ डालते हैं. स्कूल के पीछे जो दीवार तोड़कर रास्ता बनाया गया है, उसकी शिकायत मनपा में की गई है साथ ही कुछ महीने पहले यह निवेदन भी दिया गया है कि वह रास्ता बंद कर ग्राउंड में मिट्टी डाली जाए. इस जगह स्कूल की ओर से गार्डन बनाया जाएगा, लेकिन अभी तक मनपा की ओर से उस दीवार को बंद नहीं किया गया है.

—शमानंद तायडे

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