Published On : Tue, Sep 24th, 2019

विसर्जन के बाद फुटाला की हालत सबसे ख़राब

ग्रीन विजिल संस्था के वाटर मॉनिटरिंग में आया सामने

नागपुर-: नागपुर की ग्रीन विजिल पर्यावरण संस्था ने अर्थ एको इंटरनेशनल नामक अंतराष्ट्रीय संस्था के साथ मिलकर नागपुर के 4 तालाबों पर गणपति विसर्जन के प्रभाव का विष्लेषण किया. नागपुर शहर के सोनेगांव तालाब, सक्करदरा, गांधीसागर, फुटाला तालाब के पानी का (pH, Turbidity) (धुंदलापन) ,एवं (DO) (पानी में घुले ऑक्सीजन की मात्रा) जैसे मानक का परिक्षण किया गया. ग्रीन विजिल संस्था की टीम लीड सुरभि जैस्वाल एवं डेप्युटी टीम लीड मेहुल कोसुरकर ने बताया, गणपति विसर्जन का सोनेगांव तालाब पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है.

Gold Rate
19 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,10,300 /-
Gold 22 KT ₹ 1,02,600 /-
Silver/Kg ₹ 1,29,600/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

सोनेगांव तालाब में (DO)की मात्रा गणपति विसर्जन के पहले एवं बाद में 4 – 4.5 mg/L पायी गई. हालांकि तालाबों में DO level 6mg/L होना अपेक्षित है. बारिश ज्यादा होने के कारण तालाबों में पानी का लेवल बढ़ गया जिससे (Turbidity) में कमी आई . (Turbidity) धुंदलापन जो गणपति विसर्जन के पहले 60 – 65 (JTU) थी वो अभी घट के 50 – 55 JTU हो गई.

परिक्षण के दौरान सक्करदरा लेक की हालत नाजुक पाई गई , हालांकि सक्करदरा तालाब में इस साल गणपति विसर्जन नहीं हुआ है. मगर , भारी मात्रा में जलकुम्भी फैलने के कारण , (DO) की मात्रा जो गणपति विसर्जन के पहले 4 mg/L थी , वो घट के 3.5 mg/L हो गई है. सक्करदरा तालाब का (pH 8) एवं Turbidity 60 – 65 JTU पाई गई है.

गांधीसागर लेक का pH 8 एवं (Turbidity) 85 – 90 JTU दर्ज किया गया. (Turbidity) बढ़ने का मुख्य कारण तालाब के तट पर भारी मात्रा में फूल, पूजा सामग्री एवं कचरे का होना है. यहाँ (DO) के स्तर में हल्की सी गिरावट दर्ज की गई, जो गणेश विसर्जन के पहले 4 – 4.5 mg/L थी जो घट के 3.5 – 4 mg/L पाई गई.

इस साल के पुरे विसर्जन की मार फुटाला तालाब को झेलनी पड़ी है , जिस कारण फुटाला तालाब का (DO) level जो विसर्जन के पहले 4 – 4.5 mg/L था, वो विसर्जन के बाद 3 – 3.5 mg/L दर्ज किया गया है. फुटाला तालाब के पानी का pH 8 , एवं (Turbidity ) 70 JTU , दर्ज किया गया है.

सुरभि जैस्वाल ने कहा मनपा को जल्द से जल्द फुटाला तालाब से विसर्जित मुर्तिया एवं निर्माल्य को निकलना होगा एवं सक्करदरा तालाब से जलकुम्भी को साफ करना होगा , यदि (DO) का स्तर 2 mg/ L आ जाए तो तालाब के परितंत्र (ecosystem) पर बहुत बुरा असर होगा.

Advertisement
Advertisement