Published On : Sun, Dec 8th, 2019

धान का ऑनलाइन बिल बनाने के नाम पर किसानों की लूट

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ग्रेडर /ऑपरेटर और सहकारी संस्था अध्यक्ष को एसीबी ने रिश्वत लेते दबोचा

गोंदिया। जिले के धान खरीदी केंद्रों पर कम पढ़े लिखे भोले-भाले किसानों से ऑनलाइन बिल बना देने के नाम पर खुली लूट चल रही है , इसी की एक बानगी गोंदिया से सटे ग्राम बरबसपुर के सहकारी धान खरीदी केंद्र पर सामने आई जहां एसीबी ने कार्रवाई करते हुए ग्रेडर/ कंप्यूटर ऑपरेटर और सहकारी संस्था के अध्यक्ष को किसान से रिश्वत स्वीकार रंगे हाथों दबोचा

हुआ कुछ यूं कि गोंदिया तहसील के ग्राम बरबसपुरा (पो. बटाना) निवासी फिर्यादी किसान यह २२ नवंबर को स्वंय के ६१ कट्टे धान और अपने भतीजे के ६१ कट्टे इस तरह कुल १२२ कट्टे धान बिक्री हेतु विविध कार्यकारी सेवा संस्था संस्था टेमनी अंतर्गत आने वाले सहकारी सोसायटी धान खरीदी केंद्र (टेमनी) पर लेकर पहुंचा तथा ४ दिसंबर को धान का वजन (काटा) करने के बाद सहकारी सोसायटी धान खरीदी केंद्र के ग्रेडर/कम्प्यूटर ऑपरेटर सुशिल झनकलाल कटरे ने शिकायतकर्ता से बिक्री किए गए धान का बिल ऑनलाईन कर देने के ऐवज में प्रति बिल पर १०० रूपये इस तरह दोनों बिलों हेतु २०० रूपये देने की डिमांड कर दी।

फिर्यादी किसान यह चढ़ावे की रकम देने का इच्छुक नहीं था लिहाजा उसने ५ दिसंबर को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग गोंदिया के दफ्तर पर पहुंच शिकायत दर्ज करायी।

एसीबी टीम अधिकारियों ने मामले की जांच करते हुए खरीदी केंद्र के ग्रेडर/ संगणक ऑपरेटर के विरूद्ध योजनाबद्ध तरिके से जाल बिछाया इस दौरान ७ दिसंबर शनिवार को ग्रेडर / संगणक ऑपरेटर सुशील कटरे तथा विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्था टेमनी के अध्यक्ष नरेश तिवारी को अपने लोकसेवक पद का दुरूपयोग करते हुए शिकायतकर्ता से २०० रूपये की रिश्‍वत स्वीकार करते हुए पंच गवाहों के समक्ष रंगेहाथों पकड़ा गया।

अब इस संदर्भ में रिश्‍वतखोर आरोपी सुशिल झनकलाल कटरे (२६) तथा सहकारी संस्था के अध्यक्ष नरेश तिवारी (३५) के खिलाफ गोंदिया ग्रामीण थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम की धारा ७ के तहत मामला पंजीबद्ध कर दोनों को हिरासत में लिया गया है।

उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मि नांदेडकर व अप्पर अधीक्षक राजेश दुद्दलवार (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत कोकाटे, पुलिस निरीक्षक शशीकांत पाटिल, सफौ शिवशंकर तुमड़े, पो.ह. राजेंद्र शेंद्रे, प्रदीप तुलसकर, नापोसि रंजित बिसेन, नितिन रहांगडाले, राजेंद्र बिसेन, मनापोसि वंदना बिसेन, गीता खोब्रागड़े, नापोसि देवानंद मारबते आदि द्वारा की गई।

रवि आर्य