Advertisement
देवली (वर्धा)। जिले में किसानों को आर्थिक दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए कोई 127 परियोजनाएं शुरू की जाने वाली थीं. इसमें से अब तक 50 भी प्रारंभ नहीं हो पाई हैं.
कहा गया था कि राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा अभियान के अंतर्गत कपास विकास कार्यक्रम, सोयाबीन-तुअर और चना प्रयोग परियोजना के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. साथ ही राष्ट्रीय फलोत्पादन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सब्जी-भाजी का उत्पादन शेडनेट और ग्रीन हाउस की स्थापना का निर्णय भी लिया गया था. मगर इसमें से कोई भी निर्णय साकार नहीं हो सका है.
उसी तरह, कृषि-विभाजन के लिए भी किसानों को अधिक खर्च करना पड़ रहा है. पहले जहां तहसीलदार के पास 100 रुपए के स्टैम्प पेपर पर यह हो जाया करता था, मगर अब इसके लिए एक हजार रुपया खर्च करना पड़ रहा है.
File Pic