नागपुर: नागपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 23 जून तक का अंतिम अवसर देते हुए पूछा है कि पुलिस विभाग में वर्षों से खाली पड़े सैकड़ों पद आखिर कब भरे जाएंगे।
शहर की जर्जर सड़कों और उससे हो रही दुर्घटनाओं को लेकर हाई कोर्ट ने खुद जनहित याचिका के रूप में मामला स्वीकार किया था। सुनवाई के दौरान अदालत का ध्यान ट्रैफिक की बदहाल व्यवस्था और पुलिस विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी की ओर दिलाया गया।
अदालत मित्र अधिवक्ता राहिल मिर्जा ने बताया कि शहर में 447 स्वीकृत पद लंबे समय से खाली हैं और अब 391 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है। कुल 838 पद रिक्त हैं, जिनमें कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के पद शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा कि रिक्तियों के कारण कार्यरत पुलिसकर्मियों पर अत्यधिक दबाव है और इसे तत्काल प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अदालत ने पूर्व के आदेशों (27 नवंबर 2024 और 27 फरवरी 2025) की भी याद दिलाई।
खस्ताहाल सड़कों पर भी नाराजगी
अदालत ने नागपुर की सड़कों की हालत पर भी कड़ी नाराजगी जताई। हाल ही में बनी सीमेंट की सड़कों में भी गड्ढे दिखने लगे हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उबड़-खाबड़ सड़कें, जलभराव और गलत निर्माण कार्यों के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की गई है।
अधिवक्ता मिर्जा ने मांग की है कि असुरक्षित सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार लोगों पर पुलिस कार्रवाई की जाए।