Published On : Thu, Apr 23rd, 2015

पातुर : पुलिस-ग्रामस्थों के बीच पथराव, 15 पुलीस घायल

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पातुर (अकोला)।
पातुर पुलिस थाना अंतर्गत आनेवाले ग्राम कापसी के तालाब परिसर में अक्षय तृतीया की रात 10 बजे ताश पत्तों से जुआ खेल रहे जुआरियों पर जिला पुलिस अधीक्षक के विशेष दल ने छापा मारा. इस कार्रवाई के बाद पुलिस एवं जुआ खेलनेवालों के बीच जमकर पथराव हुआ, जिसमें 15 पुलिस कर्मचारी घायल हुए है. जिला पुलिस अधीक्षक के अनुसार तीन पुलिस कर्मचारियों को अधिक चोटें आई हैं. इस संदर्भ में पुलिस ने लगभग 150 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

इसी मामले में कापसी के ग्रामस्थों का आरोप है कि जुआ अड्डे पर छापा मारने आई पुलिस ने जुआरियों को छोड बेकसूर ग्रामीणों को पीट डाला. इनता ही नहीं बंद दरवाजों को तोडकर भीतर घुसी पुलिस ने घरेलू सामग्री की तोडफोड के अलावा मोटर साइकिल, कार, ट्रैक्टर आदि की भी तोडफोड की, जिससे पुलिस के प्रति ग्रामीणों में रोष व्याप्त है. स्थानिय राजनीतिक दलों ने पुलिस की कार्रवाई का कडे शब्दों में निषेध किया है. अक्षय तृतीया की रात 10 बजे जिला पुलिस अधीक्षक चंद्रकिशोर मीणा द्वारा गठित विशेष दल के आठ सदस्य दस सहयोगी पुलिस कर्मचारियों के साथ कापसी तालाब परिसर में खेले जा रहे जुआ अड्डे पर छापा मारने गए.

गुप्त सूचना के आधार पर की जा रही कार्रवाई के दौरान मौके पर उपस्थित लगभग 150 से अधिक जुआरियों ने पुलिस का प्रतिरोध करते हुए पथराव आरंभ कर दिया. इतना ही नहीं डंडे, लाठियों से लैस जुआरियों ने शिकायतकर्ता एवं गवाहों के साथ मारपीट की तथा शासकीय  काम में बाधा डाली, ऐसा स्पष्टीकरण आज दोपहर पत्र परिषद में जिला पुलिस अधीक्षक ने देते हुए कहा कि इस कार्रवाई में 15 पुलिस कर्मचारी घायल हुए है, जिनमें चंद्रकांत विनोद नागापुरे, मयूर निखाडे एवं सुदाम धुडगुंडे गंभीर घायल हैं. जबकी प्रशांत बागल, सुमीत गोरे, शेखर कोडे, अमोल भाकरे, चंद्रकांत चिकटे, अमोल देठे, ज्योतीराव भोजने, गणेश महाले, भागवत शेवाले, परमेश्वर तितरे, रवींद्र तेलगोटे एवं विकास वाघ को मामूली चोटें आई हैं.

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पुलिस ने कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों के साथ जादती की है? इस सवाल पर जिला पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा कि पुलिस ने कोई अतिरेक नहीं किया है. अलबत्ता पुलिस पर ही हमला किया गया है. संभवत: जुए से आर्थिक लाभ जुडा होने के कारण इतने बडे पैमाने पर पुलिस का विरोध हुआ है. जो नुकसान नजर आ रहा है वह पुलिस ने किया या पुलिस पर हमला करनेवालों ने जानबूझकर यह स्वांग रचा? इसकी जांच के बाद जो भी दोषी होंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. पुलिस ने बुधवार को जिन आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें ज्ञानेश्वर चतरकर, शंकर सपकाल, रामेश्वर कंकाल, अनिल गावंडे, अतुल रंगबाल, दीपक गायकवाड, विनोद खंबलकर, विवेक मानोतकर का समावेश है. पातुर के पुलिस निरीक्षक खिल्लारे मामले की जांच कर रहे हैं.

पुलिस की जादती
स्थानीय नागरिकों के अनुसार पुलिस ने सो रहे नागरिकों को नींद से जगाकर घर में घुसकर सामग्री की तोडफोड की. इतना ही नहीं घरों के सामने खडे ट्रैक्टर, मोटर साइकिल एवं चार पहिया वाहनों की भी तोडफोड मचाई. पुलिस ने मासूम बच्चो एवं वृद्ध महिलाओं से भी मारपीट की. पुलिस के हमले में कापसी निवासी पुरूषोत्तम चतरकार, दिगांबर महल्ले, नितीन चतरकार, मनोहर येवले, अनंत तायडे, किशोर  मानतकर, ज्ञानेश्वर चतरकार, दगडुजी मानतकर, आशा तायडे, अनुसया चतरकार, कल्पना पालखडे, जयश्री मानतकर समेत बच्चों का समावेश है. इस संदर्भ में जिला पुलिस अधीक्षक का तर्क था कि कार्रवाई  के दौरान महिलाएं व बच्चे तालाब परिसर मे क्या कर रहे थे. संभवत: पुलिस कार्रवाई के दौरान मची भगदड में बच्चे व महिलाएं घायल हुए हो सकते है.

File Pic

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