Published On : Fri, Oct 10th, 2014

चांदुर बाजार : संतरा उत्पादक किसानों को हो सकता है 200 करोड़ का नुकसान


Orange farm
चांदुर बाजार (अमरावती)।
तहसील को संतरे का कैलिफोर्निया माना जाता है. इस तहसील में करीब-करीब 400 करोड़ का संतरा व्यापार होता है. लेकिन इस वर्ष यहाँ संतरा व्यापार 200 करोड़ का भी होता है या नहीं ऐसी जानकारी संतरा उत्पादक किसान तथा संतरा व्यापारियों द्वारा दी गयी. तहसील के ग्राम घाटलाडकी, शिरजगांव कसवा, देवुरवाडा, ब्राम्हण वाड़ा, वनी, विश्रोली, देवूरवाडा, माधान समेत अनेक गांवो में बड़ी मात्रा से संतरा उत्पादक किसान हर वर्ष लांखों रुपये का संतरा बेचते है. लेकिन इस वर्ष लगातार आई बारिश के चलते बड़ी मात्रा में संतरा उत्पादक किसानों का नुकसान हुआ है.

इस नदी-नाले किनारे वाले संतरा उत्पादक किसानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. लगातार बारिश के पश्चात तापमान में गरमाहट के चलते बड़ी मात्रा में किसानों के संतरे पेड़ से गिरने लगे. वही पेड़ पर बचे रहे संतरा की बढ़ोत्तरी रुक गयी. जिसके चलते छोटे संतरा को बाजार में कोई खास मांग नहीं होने के कारण संतरा 1200 से 1500 रूपये प्रति टन में ही व्यापारी खरीदना चाहते है. वही अच्छा माल 2200 से 2500 रुपये प्रति टन के दर से संतरा मंडियों में बिक रहा है. इस तहसील के 30 से 40 मंडियों से चलने वाले संतरा व्यापार की ओर सभी संतरा व्यापरियों की नजर रहती है.

इस तहसील के संतरे की मांग भारत के अनेक राज्य और बाहर देशों में है. अक्टूबर माह में आधे से ज्यादा संतरा उत्पादक किसानों का माल बिक जाता है लेकिन अभी तक 25 प्रतिशत ही माल बिका है. ऐसे में संतरा उत्पादक किसानों को इस वर्ष बड़ी मात्रा में नुकसान होने के आसार साफ दिखाई दे रहे है. जहां 400 करोड़ का संतरा व्यवसाय 200 करोड़ भी होता है या नहीं यह आशंकायें किसान और व्यापारी लगा रहे है. ऐसे में इस वर्ष 200 करोड़ का नुकसान भरपाई, पेड़ों की मशागत और उत्पादक खर्च कहां होंगा यह बड़ा सवाल है.

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समय रहते संतरा व्यापारी में संतरा भावों में आनेवाली तेजी ही इन किसानों को होने वाले नुकसान से बचा पायेगी या फिर आने वाली राज्य सरकार इन संतरा उत्पादक किसानों के लिए कोई ठोस उपाय योजना लागु करेगी तो ही इस तहसील का संतरा व्यापार आनेवाले समय में पुनः अपना मुकाम हासील कर पायेगा.

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