Published On : Fri, Jun 1st, 2018

सीएम के जिले में फिर किसान ने की आत्महत्या

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Farmer Suicide

नागपुर: गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले में एक और किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृत किसान काटोल तहसील के जुनापानी गाँव का निवासी 62 वर्षीय नत्थूजी संपतराव देशमुख है। गुरुवार सुबह नत्थू के खेत से सटे जंगल के में पेड़ में उसकी लाश बरामद हुई। हालाँकि नत्थू ने आत्महत्या क्यूँ की इस पर पुलिस ने अभी तक कोई स्पस्ट कारण नहीं बताया है लेकिन नत्थू के बेटे विश्वास ने बताया की उसके पिताजी बीते कुछ वक्त से खेती में लगातार हो रहे नुकसान से परेशान थी, बीते चार वर्षो से खेती से लाभ भी नहीं हो रहा था उन पर डेढ़ लाख रूपए का कर्ज भी था।

विश्वास ने बताया की कल वो अपने ससुराल गया था लेकिन उसे उसकी माँ ने बताया की बुधवार रात करीब साढ़े 9 बजे उसके पिताजी घर से यह कहकर निकले की वो टहलकर आते है। कुछ देर बार उसकी माँ के कहने पर पडोसी ने नत्थू के मोबाइल पर फोन लगाकर खाना खाने के लिए घर आने के लिए कहाँ लेकिन नत्थू ने बताया की वो किसी काम से पारसिंगा जा रहे है और देर से घर लौटेंगे। गुरुवार सुबह तक घर न लौटने की वजह से उनकी खोज परख शुरू हुई। उन्हें लगातार फोन लगाया जा रहा था लेकिन वो कोई जवाब नहीं दे रहे थे। ग्रामीणों की मदत से उनकी ढूँढना शुरू किया गया। लगभग दोपहर 12 बजे उनका शव उनके खेत के बगल में पेड़ से रस्सी से लटका पाया गया। कयास लगाए जा रहे है की बुधवार रात को फ़ोन पर बात होने के बाद ही नत्थू अपने खेत गए और वहाँ आत्महत्या कर ली। नत्थू के दो बेटे है बड़ा बेटा घर में ही रहता है जबकि छोटा बीटा नागपुर में रहकर छोटा मोटा काम करता है। पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित था लेकिन इसमें उन्हें लगातार नुकसान हो रहा था। फ़रवरी माह में जिले में हुई ओलवृष्टि की वजह से नत्थू की फसल को नुकसान हुआ था।

किसान द्वारा आत्महत्या की खबर मिलने के बाद पुलिस ने उसका शव बरामद किया और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। शुक्रवार को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आएगी जिसमे मृत्यु का असली कारण सामने आएगा। पुलिस को शव के पास से कोई सुसाईड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस के अनुसार जाँच पूरी होने के बाद ही मृत्यु की वजह साफ़ हो पायेगी।

सरकार पर किसान का भरोसा नहीं -आशीष देशमुख
किसान द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामले पर काटोल के विधायक आशीष देशमुख के मुताबिक वो जाँच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कुछ कह सकते है लेकिन उनके मुताबिक किसानो द्वारा आत्महत्या का क्रम लगातार जारी है। जिसकी प्रमुख वजह उनका सरकार से विस्वास उठाना है। कर्जमाफी का लाभ अब तक किसानो को नहीं मिला है। किसानो को ऋण मुक्त करने का इरादा भले ही ईमानदार हो लेकिन इसका क्रियान्वयन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है यह बात वो सरकार से भी कह चुके है। सरकार जिस स्थिति में है वो मुश्किल है ऐसे में आवश्यकता है की उन्हें भरोषा दिलाया जाये। राज्य सरकार ने आगामी खरीफ की फ़सल पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार डेढ़ गुना अधिक समर्थन मूल्य देने का वादा किया है। जिस पर किसान भरोसा नहीं कर पा रहा है सरकार को चाहिए की वो आज ही विभिन्न फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर दे जिससे की किसान अपने फायदे के हिसाब से फसल ले ले।