आज से महाराष्ट्र में कर्जमाफी की शुरुआत हो गई है. मुख्यमंत्री ने खुद करीब 30 किसानों कर्जमाफी का सर्टिफिकेट बांटकर इस योजना की शुरुआत की है. सरकार को उम्मीद है कि सही लोगों को कर्जमाफी का लाभ मिलेगा, जबकि शिवसेना इस कर्जमाफी से खुश नहीं है.
गजानन के परिवार की खुशी से साफ पता चलती है कि कर्जमाफी से उनके सिर का बोझ कम हो गया है. खुद गजानन मानते हैं कि उनको कर्ज की वजग से काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता लेकिन आज ये खत्म हो गई.
करीब 77 लाख किसानों ने कर्जमाफी के लिए एप्लीकेशन दिया है. आज के दिन करीब 8 लाख 40 हजार किसानों को कर्जमाफी मिली है जिसमें करीब 4000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जब तक आखिरी किसान की कर्जमाफी नहीं होती है तब तक सरकार चुप नहीं बैठेगी. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने सरकार को धन्यवाद तो दिया लेकिन साथ ही वो कर्जमाफी को लेकर संतुष्ट नहीं हुए. उनकी मांग है कि पूर्ण कर्जमाफी होनी चाहिए. यानि साफ है कि कर्जमाफी को लेकर अब क्रेडिट लेने और आरोप-प्रत्यारोप की होड़ मची है जिसमें शिवसेना सबसे आगे है.