Published On : Tue, Apr 20th, 2021

मेयो हॉस्पिटल में मरीजों के परिजनों को बाहर से लाना पड़ रहा है रेमडेसिवर इंजेक्शन

Advertisement

डॉक्टर इंजेक्शन के लिए प्रिस्क्रिप्शन भी नहीं लिखकर देते

नागपुर– नागपुर शहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से अब हॉस्पिटलों की व्यवस्था भी चरमरा गई है. मेयो और मेडिकल हॉस्पिटल में बेड्स भर जाने की वजह से कोरोना मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आये दिन दोनों हॉस्पिटल से खबर आ रही है कि हॉस्पिटल में बेड नहीं है, ऑक्सीजन ख़त्म है और वेंटिलेटर की व्यवस्था भी पूरी नहीं हो पा रही है. रविवार रात को मेयो हॉस्पिटल में एक मामला सामने आया है. जहांपर एक बुजुर्ग मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. लेकिन उस मरीज को रेमडेसिवेर का इंजेक्शन नहीं लगाया गया. बुजुर्ग मरीज की बेटी के अनुसार मेयो के डॉक्टरों ने हमसे कहा है कि रेमडेसिवर इंजेक्शन का इंतजाम आप करिये.

Gold Rate
23 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,36,300/-
Gold 22 KT ₹ 1,26,800/-
Silver/Kg ₹ 2,10,900/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जबकि डॉक्टरों ने इंजेक्शन के लिए प्रिस्क्रिप्शन भी नहीं लिखकर दिया था. इस कारण बुजुर्ग की बेटी अपने पिता के लिए कल सोमवार तक रेमडेसिवर इंजेक्शन के लिए लोगों से मदद मांग रही थी. पीड़िता के अनुसार कल उन्होंने बाहर से खुद रेमडेसिवर इंजेक्शन की व्यवस्था की और उसके बाद उनके पिता को वो इंजेक्शन दिया गया. पीड़िता का कहना है की उनके पिता की तबियत 75 प्रतिशत क्रिटिकल है, लेकिन डॉक्टरों का कहना था की इनसे भी ज्यादा क्रिटिकल मरीज हॉस्पिटल में भर्ती है, इसलिए उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया जा सकता.

इस बारे में पीड़िता का कहना है की उनके पति ने वार्ड के डॉक्टरों से भी बात की थी और उन्हें प्रिस्क्रिप्शन लिखकर देने के लिए कहा था, लेकिन डॉक्टरों की ओर से और स्टाफ की ओर से ऐसे समय में भी उनके साथ काफी बुरा व्यवहार किया जा रहा है. इस व्यवहार को लेकर पीड़िता ने मेयों हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही पर भी नाराजगी जताई है.

इस बारे पीड़िता ने एडवोकेट आशीष कटारिया से बात की और उन्हें इस पुरे मामले की जानकारी दी. जिसके बाद कटारिया ने भी रेमडेसिवर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए पीड़िता की काफी मदद की. कटारिया का कहना है की रेमडेसिवर की कमी और हॉस्पिटल के बदत्तर हालत के लिए प्रशासन जिम्मेदार है.

एक तरफ तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर परिस्थिति कुछ और ही है. सरकारी हॉस्पिटलों की व्यवस्था चरमरा गई है. ऐसे में सरकार को अब कई जगहों पर अस्थायी हॉस्पिटलों की व्यवस्था बिना देर किए करनी चाहिए.

GET YOUR OWN WEBSITE
FOR ₹9,999
Domain & Hosting FREE for 1 Year
No Hidden Charges
Advertisement
Advertisement