Published On : Tue, Oct 6th, 2020

80 हजार से ज्यादा फेक अकाउंट के माध्यम से सुशांत की मौत की फर्जी खबरें की साझा

Advertisement

मुंबई पुलिस ने जांच शुरू की

नागपुर– अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है. ताजा जानकारी के मुताबिक, सुशांत की मौत की वजह आत्महत्या थी. इन सबके बीच मुंबई पुलिस को यह जानकारी मिली है कि सुशांत की मौत पर फर्जी खबरें प्रचारित करने के लिए 80 हजार से ज्यादा फेक सोशल मीडिया अकाउंट खोले गए थे.

Gold Rate
15 May 2025
Gold 24 KT 92,100/-
Gold 22 KT 85,700/-
Silver/Kg 94,800/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि इन फर्जी अकाउंट्स के जरिए मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई. उन्होंने साइबर सेल से इस मामले की जांच करने और दोषियों पर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

इस खुलासे के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मुंबई पुलिस की छवि धूमिल करने के लिए 80 हजार से ज्यादा फर्जी अकाउंट बनाने की जांच होनी चाहिए.एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय ने कहा कि सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाना बीजेपी की ताकत है. क्या गैर-भाजपा सरकार ऐसे सभी घोस्ट अकाउंट क्रिएटर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है? मुझे यकीन है कि वे कर सकते हैं, जो हमें चाहिए वह एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है.

इटली, जापान और थाईलैंड जैसे देशों में बने फर्जी अकाउंट
साइबर यूनिट ने एक रिपोर्ट बनाई है, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर इटली, जापान, फ्रांस, रोमानिया, तुर्की, थाईलैंड, इंडोनेशिया, पोलैंड और स्लोवेनिया जैसे देशों से पोस्ट किए गए हैं. एक आईपीएस अधिकारी ने बताया कि ‘हमने विदेशी भाषा में पोस्ट की पहचान की है. इसमें #justiceforsushant #sushantsinghrajput और #SSR हैशटैग का इस्तेमाल किया गया. हम इन अकाउंट्स के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश में हैं.’

पुलिस का मनोबल तोड़ने का किया गया प्रयास
मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि इस तरह के कैंपेन से हमारे मनोबल को कमजोर करने की कोशिश की गई. यह सब उस वक्त किया गया जब कोरोनावायरस के चलते हमारे 84 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और करीब छह हजार से ज्यादा जवान कोरोना संक्रमित थे. यह कैंपेन जानबूझकर चलाया गया जिससे मुंबई पुलिस की छवि को धूमिल किया जा सके और जांच की दिशा भटकाई जा सके. सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट्स बनाए गए थे जिसमें मुंबई पुलिस के लिए असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया गया. हमारा साइबर सेल विस्तार से जांच कर रहा है. जो भी कानून के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा उस पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement
Advertisement
Advertisement