Published On : Thu, Nov 30th, 2017

न्यायाधीश लोया की संदेहास्पद मौत पर फडणवीस-गडकरी खामोश क्यों ?

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नागपुर: “न्यायाधीश लोया की मृत्यु की जाँच होनी चाहिए – होनी चाहिये”, “न्यायाधीश लोया की मृत्यु पर मा. मुख्यमंत्री फडणवीस खामोश क्यों – जवाब दो – जवाब दो”, “न्यायाधीश लोया की मृत्यु पर केंद्रीय मंत्री गडकरी खामोश क्यों – जवाब दो – जवाब दो”, “जुल्मी जब जब जुल्म करेगा सत्ता के हथियारों से चप्पा चप्पा गूंज उठेगा इन्कलाब के नारों से”, “निकलों बाहर गलियारों से, जंग लढो हत्यारों से” आदि मांगों से पंचशील चौक का परिसर गूंज उठा. भूतपूर्व सी.बी.आय. मुंबई के न्यायाधीश बृजगोपाल लोया की संदेहास्पद मृत्यु की उच्च स्तरीय जाँच की जाए की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी नागपुर इकाई के कार्यकर्ताओं ने आज बुधवार दि. २९/११/२०१७ को पंचशील टाकिज चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के माध्यम से “आप” पार्टी ने एक न्यायाधीश की संदेहास्पद मौत नागपुर में होती हैं लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री मा. देवेन्द्र फडणवीस एवं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री मा. नितिन गडकरी की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया है. आज के प्रदर्शन में भाई जम्मू आनंद, चंद्रशेखर पराड, करण शाहू, आरिफ दोसानी, नेहाल बारेवार,अनिल शर्मा, राहुल वासमवार, अमिताभ दाराल, किरण ठाकरे, वनिता मेश्राम, मनोज सोनी, यशवंत मेश्राम, चित्रलेखा भगत, महेंद्र मिश्रा, रविकांत वाघ, अधि. अरविन्द वाघमारे, रिजवान बेग, प्रभाकर बंसोड, उमाकांत बंसोड, राहुल झलके, मुख़्तार, मो.फ़िरोज़, अली हुसैन, अनुसया नाईक, बेबीताई इंगले, सीता तायडे प्रमुखता से उपस्थित थे.

आम आदमी पार्टी ने मांग की न्यायाधीश लोया की संदेहास्पद मृत्यु की जाँच सर्वोच्च न्यायलय या फिर मुंबई उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा संज्ञान लेकर पुरे प्रकरण की जाँच करें. चूँकि घटना नागपुर में घटी है अत: स्थानीय प्रशासन की यह नैतिक जिम्मेदारी है की वह घटना के सत्यता के तह में पहुंचने हेतु निर्णायक भूमिका निभाएं. हर दिन न्यायाधीश लोया के संदेहास्पद मृत्यु को लेकर नये नये खुलासे और तथ्थ सामने आ रहे है.

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हाल ही में करावन पत्रिका द्वारा न्यायमूर्ती बृजगोपाल लोया की मृत्यु को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए है, जिसके बाद पुरे देश में काफी रोष का माहौल बना हुआ है. पत्रिका ने पुरे घटनाक्रम पर कुछ ऐसे सवाल खड़े किये है जिससे न्यायमूर्ती श्री. लोया की मृत्यु संदेहस्पद हो गई है. ज्ञात रहे की श्री लोया कि मृत्यु नागपुर में दिनांक १ दिसम्बर’ २०१४ को हुई थी. श्री लोया किसी निजी कार्यक्रम में शामिल होने हेतु अन्य न्यायाधीशों के साथ नागपुर आये हुए थे. नागपुर स्थित रवि भवन में ठहरे हुए थे.

करावन पत्रिका में किये गए खुलासे के बाद सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री. ए.पी. शाह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है की यह मामला बहुत गंभीर है जिसमे एक न्यायाधीश की मृत्यु पर उनके परिवार वालों ने स्वयं संदेह प्रकट किया है तथा कुछ गंभीर आरोप भी लगायें है. उन्होंने आगे बढकर यह भी कहा की किसी एक व्यक्ति के लिए पूरी न्यायव्यवस्था का इस तरह उपयोग नहीं किया जा सकता है. न्यायधीश लोया जिस सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ केस की सुनवाही कर रहे थे उसमे भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री. अमित शाह मुख्य अभियुक्त थे.


परिवार ने यहां तक आरोप लगाया की तत्कालीन मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह द्वारा अमित शाह को बचाने हेतु न्यायाधीश लोया को १०० करोड़ रुपये देने की पेशकश की गयी थी. यह अपने आप में न्यायव्यवस्था की पवित्रता एवं निष्पक्षता बनाये रखने हेतु गंभीर मामला हैं. अतः पुरे प्रकरण की सर्वोच्च न्यायलय या फिर मुंबई उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा संज्ञान लेकर पुरे प्रकरण की जाँच करनी चाहिए और सत्य बाहर आना चाहिए.

करावन पत्रिका ने जो सवाल उठाये हैं उससे श्री. लोया की नैसर्गिक मृत्यु के बजाय कथितरूप से हत्या की गयी ऐसा प्रतीत होता है. अत: जनतंत्र में न्यायप्रक्रिया पर करोड़ों भारतवासियों का विश्वास बना रहें इसलिए इस पूरी घटना की उच्चस्तरीय जाँच अनिवार्य है.वैसे आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल द्वारा सी.बी.आय. मुंबई के भूतपूर्व न्यायाधीश बृजगोपाल लोया की संदेहास्पद मौत की उच्चस्तरीय जाँच कराये जाने की मांग को लेकर अप्पर जिल्हाधिकारी को २८/११/२०१७ को ज्ञापन सौंपा जा चूका है.

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