Published On : Sat, Feb 27th, 2021

सेवामुक्ति की जगह दिया गया सेवा विस्तार (EXTENSION)

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– 2 विवादास्पद सत्तापक्ष नेताओं के सिफारिश पर किशोर और यूनिटी सिक्योरिटी एजेंसी को कायम रख रहा मनपा प्रशासन

नागपुर : मनपा में सत्तापक्ष का गजब खेल चल रहा,एक तरफ सत्ताधारी नगरसेवक/पदाधिकारी प्रशासन और सुरक्षा रक्षक एजेंसी पर गंभीर आरोप मढ़ते तो दूसरी तरफ उसी सत्तापक्ष के दिग्गज नेता/नगरसेवक प्रशासन पर दबाव लाकर उन्हीं सुरक्षा एजेंसी को सेवा विस्तार ( EXTENSION ) देने के लिए दबाव बना रही.सत्तापक्ष की इस दोहरी नीत से मनपा प्रशासन परेशान हैं। क्या सत्तापक्ष इस आड़ में PARTNERSHIP/BUSINESS में लीन हैं,ऐसी चर्चा मनपा मुख्यालय में हो रही.

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विगत माह सत्तापक्ष के एक पदाधिकारी ने मनपा में सेवारत किशोर सिक्योरिटी और यूनिटी सिक्योरिटी के संबंध में जानकारी मांगी।इसलिए कि दोनों का पुलिस लाइसेंस समाप्त होने के बावजूद दोनों सुरक्षा-रक्षक एजेंसी मनपा में सेवारत हैं.इनमें से एक एजेंसी का जून-जुलाई 2020 तो दूसरे का जनवरी 2021 में पुलिस लाइसेंस की समयावधि समाप्त हो चुकी थी.इतना ही नहीं दोनों ही एजेंसी अपने सुरक्षा रक्षकों की फर्जी बिल बना रहे थे,दोनों ही एजेंसी सुरक्षा-रक्षक का PF आदि नहीं भरते थे,इसलिए उनका कोई हिसाब-किताब नहीं था.

उक्त मामले में मनपा उपायुक्त निर्भय जैन और जीएडी प्रमुख महेश धामेचा जानकारी देने में आनाकानी कर रहे थे,क्यूंकि इस मामले में बड़ा भ्रस्टाचार हो रहा था,जिसका जवाब देने में अधिकारियों के सांस फूल रहे थे.

दूसरी ओर इसी सत्तापक्ष के 2 विवादास्पद वरिष्ठ नगरसेवकों/पूर्व पदाधिकारियों ने उक्त दोनों सुरक्षा-रक्षक एजेंसी को प्रशासन के गैरकानूनी कृत पर आवाज बुलंद करने के बजाय उन्हें पहले नया लाइसेंस लेन के लिए वक़्त दिलवाई फिर उन्हें दबाव में EXTENSION दिलवाने का प्रयास कर रहे,क्यूंकि अभी तक उनका EXTENSION ORDER दोनों को नहीं मिला।जबकि दोनों सुरक्षा-रक्षा एजेंसी को SUSPEND किया जाना चाहिए था.लेकिन उन्हें EXTENSION दिलवाकर सत्तापक्ष के उक्त सिफारिशकर्ताओं ने मनपा में भ्रस्टाचार को हवा दी.मनपा मुख्यालय में चर्चा यह भी हैं कि पिछले 4 सालों में सत्तापक्ष के चुनिंदा नगरसेवक ठेकेदारों का काम करवाने के एवज में PARTNERSHIP रूपी व्यवसाय में लीन हैं.जिसे मनपा प्रशासन हवा दे रही.

इसके लिए सत्तापक्ष के नगरसेवक एक तरफ अपने ही नगरसेवकों से मामला उछलवाते फिर दूसरे तरफ से संबंधितों से सौदा कर उन्हें संरक्षण दे रहे.ऐसा आरोप सत्तापक्ष के नाराज नगरसेवकों ने लगाया।

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