Published On : Fri, Oct 13th, 2017

असफ़ल ऊर्जामंत्री के गलत नियोजन से राज्य लोडशेडिंग का शिकार – अजित पवार

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नागपुर: कोयले के स्टॉक में कमी की वजह से राज्य लोडशेडिंग के दौरे से गुजर रहा है। ऐन दिवाली के समय लोडशेडिंग की वजह से आम नागरिक और किसानो को हो रही दिक्कत के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस समस्या के लिए ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के गृह नगर में ही पवार ने इसे सरकार की बड़ी विफलता करार दी। पवार ने कहाँ वह खुद इस विभाग के मंत्री रहे है। बारिश के दिनों में कोयले का उत्पादन नहीं होता और उसे लाने ले जाने का काम भी मंद पड़ जाता है। इसी लिए मई के महीने में ही विद्युत् उत्पादक इकाइयों के कोयले का स्टॉक कर लिया जाता है। यह सामन्य प्रक्रिया है जिसका अधिकार महानिर्मिति विभाग के सीएमडी के पास होता है फिर ऐसा क्या हुआ की राज्य की बिजली उत्पादक इकाइयों में कोयले की कमी हो गयी।

यह समय फसलों को पानी देने का है किसान जलस्त्रोतों से खेत तक पानी पहुँचता है लेकिन पर्याप्त बिजली न हो पाने की वजह से उसे दिक्कत हो रही है। आम जनता को दिवाली के समय लोडशेडिंग का सामना करना पड़ा है। ऊर्जा मंत्री को असफल ठहराते हुए अजित पवार ने ऐसी स्थिति क्यूँ बनी इसका स्पष्टीकरण देने की भी माँग की। पूर्व ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल के उस दावे पर तंज कसते हुए उन्होंने सवाल किया की मंत्रीजी ने देश में आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पादन का दावा किया था फिर ऐसी स्थिति कैसे बन गयी। पवार के मुताबिक उन्हें ऊर्जा विभाग के अधिकारियो ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक दो हजार मेगावॉट बिजली का लॉगफॉल है। हमें 17 हजार मेगावॉट बिजली की आवश्यकता है जबकि साढ़े पंद्रह हजार का उत्पादन हो रहा है। राज्य में बनी ऐसी स्थिति से साबित होता है की यह नियोजन शून्य सरकार है।

शुक्रवार को अजित पवार नागपुर में संगठन विस्तार के लिए प्रमुख कार्यकर्ताओ के साथ नागपुर में बैठक के लिए पहुँचे थे। यहाँ उन्होंने ग्रामीण और शहर विभाग के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ के साथ मंत्रणा की। जिसके बाद नवनिर्मित प्रेस क्लब नागपुर में आयोजित मीट द प्रेस में उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे,महिला इकाई की अध्यक्ष चित्रा वाघ,पूर्व मंत्री अनिल देखमुख, रमेश बंग,विधानपरिषद सदस्य प्रकाश गजभिए मौजूद थे। इस दौरान सुनील तटकरे ने बताया की भविष्य में पार्टी के विस्तार के लिए इस दिनों राज्य भर में कार्यकर्ताओ से संवाद शुरू है। इस प्रक्रिया के बाद रायगढ़ जिले में दो दिनों की चिंतन बैठक का आयोजन होगा जिसमे पार्टी सुप्रीम शरद पवार के साथ पार्टी विस्तार पर मंथन किया जायेगा।

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अगर सरसेनापति बालासाहब होते तो क्या कमलबाई,धनुष्य बाण को आँख दिखती
राज्य की सत्ता में शामिल बीजेपी और सेना के रिश्ते में आये दिन होने वाले मनमुटाव और टकराव पर बोलते हुए अजित पवार ने कहाँ की सेना सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका निभा रही है। जिसका उसे नुकसान ही हो रहा है। दरअसल 15 साल बाद हाँथ आयी सत्ता को ठुकराने की वजह से पार्टी में फूट पड़ने का डर है। इसलिए वह सत्ता के साथ चल रही है लेकिन बाहर वह विपक्ष की भूमिका में है जिसका खामियाजा उसे चुनाव परिणामो में उठाना पड़ रहा है। कैबिनेट की बैठक में सेना के मंत्री जनता के सवालो पर नहीं लड़ते बाहर खूब बोलते है। हालही में नांदेड़ में हुई घटना का जिक्र करते हुए पवार ने कहाँ की बीजेपी के मंच से सेना का विधायक उम्मीदवारों के नाम तय कर रहा था यह सब सामने है फिर भी पार्टी खामोश है। बीजेपी ने सेना को दबा कर रखा है अगर क्या आज सरसेनापति बालासाहब ठाकरे होते तो कमलबाई की इतनी हिम्मत होती की वो धनुष्य बाण को आँख दिखती। पवार के मुताबिक उन्हें इस बात में कोई आश्चर्य नहीं की मुंबई महानगर पालिका में आने वाले कुछ वक्त में चमत्कार देखने को मिले। उनका इशारा महापौर पद को लेकर था। दोनों दल संख्याबल के हिसाब से सामान है और बीजेपी जोड़तोड़ करने वाली पार्टी है। विरोधी दल के उम्मीदवारों को तोड़कर उनका इस्तेमाल वो करती आयी है। यह स्थिति भविष्य में भी दिख सकती है।

कीटनाशक से हुई मौत पर कृषि मंत्री पर दर्ज हो हत्या का मामला
कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव की वजह से विदर्भ में हुई मौतों पर कंपनियो,अधिकारियो और खुद कृषि मंत्री पर हत्या का मामला दर्ज करने की माँग अजित पवार ने की है। उनके अनुसार जब वह सत्ता में थे तब किसान आत्महत्याओं के लिए बीजेपी 302 का मामला दर्ज करने की बात कहती थी। यह स्थिति भी वैसी ही है। किसानो की कर्ज माफ़ी के लिए सरकार द्वारा लाई गयी योजना महज दिखावा है। यह सरकार सर्वे और अभ्यास करने वाली है। चार महीने को गए अब तक इसका अध्ययन पूरा नहीं हो पाया। इसके अलग-अलग मंत्री कई तरह की बातें करते है। हमारी माँग के बाद भी कर्जमाफ़ी के लाभार्थी किसानो का आकड़ा सामने नहीं आ पाया। दिवाली तक कर्जमाफी की बात कही जा रही है लेकिन उन्हें संदेह है की ऐसा हो पायेगा।

विकासकार्य के सिलसिये में गड़करी से मुलाकात
गुरुवार को दिल्ली में मौजूदगी और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से हुई मुलाकात के बाद शुरू हुए चर्चा के दौर पर अजित पवार ने सफाई दी। उन्होंने कहाँ की वह अष्टविनायक सर्किट,मुंबई-गोवा मार्ग और आलंदी-पंढरपुर मार्ग के निर्माण के संबंध में उसने मिलने दिल्ली गए थे लेकिन उनकी इस भेंट को राजनीतिक परिप्रेक्ष में पेश किया गया जो ग़लत है।

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