नागपुर: नागपुर शहर की प्रमुख सड़कों पर फुटपाथों पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण को लेकर उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। बजाज नगर से लेकर वीएनआईटी चौक तक फुटपाथों पर हो रही अनधिकृत गतिविधियों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने नागपुर महानगर पालिका (मनपा) और ट्रैफिक विभाग के डीसीपी से जवाब मांगा है।
यह जनहित याचिका सिटीजन फोरम फॉर इक्वेलिटी के अध्यक्ष मधुकर कुकड़े द्वारा दायर की गई थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुनीता मुदलियार एवं अन्य ने दीवानी अर्जी दाखिल कर इस मार्ग पर हो रहे अतिक्रमणों को तत्काल हटाने की मांग की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता तुषार मंडलेकर ने पैरवी की, वहीं मनपा की ओर से अधिवक्ता जैमीनी कासट उपस्थित रहीं।
मनपा ने होर्डिंग्स हटाने का दिया आश्वासन
गुरुवार को सुनवाई के दौरान मनपा के उपायुक्त मिलिंद मेश्राम की ओर से कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया। इसमें बताया गया कि फूटपाथ पर होर्डिंग्स लगाने के लिए जो टेंडर 4 दिसंबर 2024 को जारी किया गया था, उसे अब रद्द कर दिया गया है। साथ ही, फूटपाथों पर लगाए गए होर्डिंग्स को आगामी 15 दिनों के भीतर हटाने का आश्वासन दिया गया।
हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया कि टेंडर जारी करने से पहले 4 मार्च 2024 को डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी, जिसे होर्डिंग्स के कारण पैदल यात्रियों को हो रही असुविधा का आकलन करने का कार्य सौंपा गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर शहर के 78 स्थानों पर फुटपाथ के किनारे विज्ञापन लगाने की अनुमति देने की योजना बनाई गई थी।
फुटपाथ बना शराबियों का अड्डा, यातायात बाधित
सुनीता मुदलियार द्वारा दायर अर्जी में आरोप लगाया गया कि पहले मनपा ने बजाज नगर से वीएनआईटी चौक तक साइकिल ट्रैक बनाने की योजना बनाई थी, जिसे बाद में वॉकिंग ट्रैक में बदल दिया गया। अब यह क्षेत्र अतिक्रमण और असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है।
फुटपाथ पर अवैध निर्माण और खानपान के ठेलों के कारण आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। मई 2024 में मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर इस प्रकल्प को रोकने की मांग भी की गई थी, लेकिन इसके बावजूद मनपा सौंदर्यीकरण के नाम पर यहां बैठने की व्यवस्था कर रही है, जिससे अतिक्रमण और बढ़ गया है।
प्रकल्प के कारण सड़क की चौड़ाई घटकर मात्र 25 फीट रह जाने पर भी आपत्ति जताई गई है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने मनपा और ट्रैफिक विभाग से विस्तृत जवाब मांगा है।