नागपुर : जल्द ही राज्य सरकार किसानों के लिए बिजली वितरण व्यवस्था को निजी हाँथो में सौपने जा रही है। इसके लिए बाकायदा एक्सप्रेशन ऑफ़ इंट्रेस्ट निकाला गया है। शुक्रवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस बात की जानकारी दी। ऊर्जा मंत्री के अनुसार सरकारी बिजली बितरण कंपनी राज्य सभी किसानों को बिजली की आपूर्ति करती है यह काम नॉन प्रॉफिट बेस पर किया जाता है।
महावितरण इन दिनों भारी आर्थिक नुकसान से जूझ रही है। हालही में रेलवे और अन्य कंपनियों ने महावितरण से बिजली लेना बंद कर दिया है जिससे नुकसान बढ़ गया है। किसानों पर महावितरण का 13 हजार करोड़ का बिजली का बिल भी बकाया है। इसलिए किसानों को अब सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था बनाई जा रही है। ऊर्जा मंत्री का कहना है की सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति से किसानों को भी फायदा होगा साथ ही महावितरण के नुकसान को भी कम किया जा सकता है। इस काम के लिए 800 -800 किसानों का क्लस्टर बनाकर 7000 फीडर तैयार किया जायेगा।
सरकार की इस योजना के अंतर्गत किसानों को बिजली वितरण की व्यवस्था निजी कंपनियों के हाँथो में चली जाएगी। पर बिजली वितरण के मूल्य के निर्धारण का अधिकार सरकार के पास रहेगा। सरकार इस योजना में निजी कंपनियों की आर्थिक मदत भी करेगी। इस योजना को ऊर्जा मंत्री फायदेमंद बता रहे है पर इस बात से यह भी साफ है की बिजली वितरण व्यवस्था करने वाली कंपनियां अपना नुकसान कर आपूर्ति नहीं करेगी। जबकि सरकारी बिजली वितरण व्यवस्था से आपदा या किसी अन्य समस्या में पड़े किसान को थोड़ी राहत जरूर मिल जाती थी जो शायद अब न मिले। किसानों के लिए बिजली वितरण व्यवस्था निजी हाँथो में सौपे जाने के फैसले पर ऊर्जा मंत्री का तर्क है की इससे किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी। सरकार उद्योगों को सब्सिडी पर बिजली दे ही रही है और भविष्य में मेट्रो परियोजना को भी देनी पड़ेगी जिस वजह से सरकार का आर्थिक नुकसान बढ़ेगा।