नागपुर: तेज गति से शुरू नागपुर मेट्रो परियोजना के अंतर्गत अन्य क्षेत्रो के विकास के लिए भी अभी से प्रयास किया जा रहा है। मेट्रो परियोजना को नागरिको के लिए अधिक जनउपयोगी बनाने के लिए फीडर बस सेवा को विकासित किया जायेगा। इस काम के लिए नागपुर मनपा व एनएमआरसीएल द्वारा संयुक्त रूप से एक सर्वे किया जा रहा है। बीते चार माह से फीडर बस सर्विस को सफल बनाने के लिए (रूट रेशनालाइजिंग) करने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
इस अध्ययन की रिपोर्ट आगामी दो महीने में आने की जानकारी एनएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक ब्रिजेश दिक्षित ने दी। दीक्षित ने बताया कि मनपा की बसें पहले से ही मेट्रो रूट पर दौड़ रही हैं। ऐसे में मेट्रो की फीडर बस सेवा को चलाने का अधिक उपयोग नहीं हो पाता। लिहाजा मनपा और एनएमआरसीएल फीडर बस सेवा चलाने के लिए रूट रेशनालाइजिंग को लेकर सर्वे कर रही है। इसका मुख्य मकसद मेट्रो रूट की पहुंच से दूर रहनेवाले नागरिकों को मेट्रो सेवा का अधिक से अधिक लाभ उठाने के प्रेरित करना होगा। केवल यही नहीं भविष्य में यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कोई परेशानी ना हो इसके लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित किए जाने की जानकारी उन्होंने दी। उन्होंने बताया कि मेट्रो द्वारा हालही में लॉंच हुए मोबाइल एप को अपडेट कर यह सेवा भी प्रदान की जाएगी।
दिक्षित के मुताबिक फीडर सेवा के शुरुआती चरणों में बड़ी के बजाए छोटी बस सेवाओं को शुरू करने का विचार किया जा रहा है। ये बसें मनपा द्वारा चलाई जानेवाली बस सेवा से अलग होंगी। इसकेलिए मनपा और एनएमआरसीएल मिलकर काम कर रही है। और फ़िलहाल इसके लिए केंद्रीय शहर विकास मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त गुड़गांव की एक कंसल्टेंट कम्पनी यूएमटीसी(अर्बन मास ट्रांजिट कम्पनी) को भी नियुक्त किया गया है। इस कम्पनी ने पहले भी शहर यातायात व्यवस्था के लिए नागपुर सुधार प्रन्यास के साथ काम किया है। मेट्रो रेल सेवा शुरू करने के शुरुआती चरणों में तीन कोच की एक ट्रेन रहेगी जिसमें 1000 पैसेंजरों की क्षमता रहेगी। इतनी संख्या में यात्रियों को मेट्रो तक लाने के लिए मजबूत फीडर सेवा होना बहुत जरूरी है।