Published On : Wed, Oct 30th, 2019

चुनाव में करारी हार के बाद अब प्रमोद मानमोडे को ‘ रेरा ‘ ने दिया तगड़ा झटका

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अनबिके फ्लैट व् प्लॉट जब्त करने के जिलाधिकारी को दिए निर्देश

नागपुर: दक्षिण नागपुर से हाल ही में विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करनेवाले निर्मल बैंक के संचालक प्रमोद मानमोडे को अब ‘ महारेरा’ ने बड़ा झटका दिया है.

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300 करोड़ की लागत वाले प्रकल्प की 2 प्रतिशत राशि 6 करोड़ रुपए जमा नहीं करने के कारण मानमोडे व् उनके साथियो के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. निर्मल नगरी में करीब 250 ऐसे फ्लैट है जो बिके नहीं है. अब यह सभी फ्लैट जिलाधिकारी के कब्जे में तब तक रहेंगे जब तक मानमोडे व् उनके साथी 6 करोड़ रुपए के अलावा ब्याज व् जुर्माना राशि जमा नहीं करते.

संभवत ‘ महारेरा ‘ कानून के अस्तित्व में आने के बाद यह पहला मामला है जब निर्मल नगरी की संपत्ति जब्त करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए गए है. इसके चलते शहर के तमाम बिल्डर्स में खलबली मच गई है. उल्लेखनीय है की ‘ महारेरा ‘ कानून के अनुसार प्रकल्प लागत की 2 प्रतिशत राशि सरकार को देनी पड़ती है.

लेकिन मानमोडे ने अपने 300 करोड़ रुपए के निर्मल नगरी प्रकल्प की 2 प्रतिशत राशि जमा नहीं कराई. इस बारे में नोटिस मिलने पर वे अपील में गए लेकिन अपील में जाने से पहले जो राशि भरनी पड़ती है, वह भी नहीं भरी गई.

अब महारेरा ने नागपुर के जिलाधिकारी को निर्देश दिए है की वो निर्मल नगरी में जो फ्लैट या प्लॉट किसी वित्तीय संस्था द्वारा मार्टगेज है या बिक चुके है. उन्हें छोड़कर बाकी सभी अन-बिके फ्लैट या प्लॉट को जिलाधिकारी अपने कब्जे में तब तक ले जब तक मानमोडे तथा अन्य 5 संचालक महारेरा के पास 6 करोड़ रुपए ब्याज व् जुर्माना राशि समेत जमा नहीं कराते. मानमोडे के लिए यह तगड़ा और बड़ा झटका माना जा रहा है.

मानमोडे को चुनाव में मिली थी करारी हार, जमानत भी हुई थी जब्त

हाल में विधानसभा चुनाव में प्रमोद मानमोडे को न केवल करारी हार का सामना करना पड़ा था बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी. कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं मिलने के बाद मानमोडे ने निर्दलीय उमेदवार के रूप में हाइटेक प्रचार के साथ चुनाव लड़ा था. उनकी रैली चर्चा का विषय बनी थी.

लेकिन रैली में शामिल लोगों जितने वोट भी उन्हें नहीं मिले थे. ऐसी चर्चा भी रही है कि उनके बैंक और उनकी पंतसंस्थाओ के कर्मचारी ही उनकी चुनावी चमक-दमक में दिखाई दे रहे थे.जबकि उनमे से कई दक्षिण नागपुर के मतदाता भी नहीं थे. मानमोडे ने चमक दिखाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की काफी कोशिश की लेकिन उन्होंने चुनाव में सफलता नहीं मिल पायी और उनकी करारी हार हुई.

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