– कोल माफिया के सक्रियता से सरकार को राजस्व हानि
नागपुर– कोल इंडिया लिमिटेड की अनुसांगिक कंपनी वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड में मैंन पावर के लिए वाहन आपूर्ति मामले में लाखों-करोड़ों का अनियमिता-घोटाला के चलते वेकोलि को चुना लगाया जा रहा है,वहीं ट्रक टिप्पर आपूर्ति के माध्यम से कोयला की अवैध तस्करी शबाब पर हैं.
वेकोलि मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो वेकोलि वनीनार्थ, महाप्रबंधक, कार्यालय,वेकोलि महाप्रबंधक कार्यालय बल्लारपुर तथा वेकोलि माजरी एरिया महाप्रबंधक कार्यालय से वाहन आपूर्ति टेंडर माफिया गोंदिया की मेसर्स:श्री बालाजी ट्रवल्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। वहीं इसी ट्रवल्स एजेंसी के माध्यम से आपूर्ति ट्रकों के माध्यम से वहूमूल्य काला सोना वनाम कोयले की अवैध तस्करी शुरु है। बताते हैं कि कोयला चोरी तस्करी के चलते कोल माफिया और वेकोलि अधिकारी मालामाल हो रहे हैं वहीं कोयला की कमतरता की वजह से पावर प्लांटों को बरावर कोयला आपूर्ति करने में वेकोलि मुख्यालय के पशीने छूट रहे हैं।
फर्जी-बोगस बिलों का भुगतान
वेकोलि के वनीनार्थ महाप्रबंधक, बल्लारपुर एरिया के महाप्रबंधक तथा माजरी एरिया के महाप्रबंधक की दया दृष्टि से गोंदिया निवासी वाहन माफिया को फर्जीवाड़ा के जरिए बिलों का भुगतान किया जा रहा हैं। वहीं मेहनतकश श्रमिकों को उनके हक और अधिकार से वंचित रखने की वजह से मजदूर वर्ग को आर्थिक संकटों से जूझना पड़ रहा है।
वेकोलि के संबंधित अधिकारियों और महाप्रबंधकों ने माना है कि गोंदिया के वाहन सरगना को फर्जी पैमे्टशीट के माध्यम से उसको भुगतान किया जा चुका है। उधर वाहन टेंडर माफिया का मानना है कि उसके साईट सुपरवाइजर की गलतियों और ना समझी कारण ऐसा हो चुका है। वेकोलि के क्षेत्रीय प्रबंधकों ने भी अपनी गलतियां स्वीकार कर ली है।
उपरोक्त मामले की वेकोलि मुख्यालय के सतर्कता विभाग के आलाधिकारियों ने जांच-पड़ताल करने का मन बना लिया है।
उधर काला सोना बनाम कोयलांचल
पर कब्जे को लेकर छिड़ी जंग के आरोपों से बचने के लिए कोल माइन्स में आग का बहाना बतलाकर अधिकारी अपना पल्लू झटक रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वेकोलि के पेंच एरिया परासिया रामनवाडा, हरनभटा, शिवपुरी,और भाजीपानी खुली खदान के कोल यार्डों से जमकर कोयला की तस्करी बरकरार है। काले सोने पर कब्जे को लेकर छिड़ी जंग में कोल माइन्स में लगाई आग
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बंद पड़ी ओपनकास्ट कोल माइन में पिछले तीन महिनों से लगी आग ने विकराल रूप ले ले लिया. वेकोलि प्रबंधन आग को बुझाने में जुटी है. बताया जा रहा है कि कोल माइन पर कब्जे के विवाद में माफियाओं ने ही खदान में आग लगा दी ?
परासिया के पास भाजीपानी में स्थित यह ओपनकास्ट खदान लंबे समय से बंद पड़ी है. वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड कंपनी यहां दोबारा कोयला निकालने के लिए विभिन्न मंत्रालयों की मंजूरी का इंतजार कर रही है.
खदान के बंद होने के बाद माफिया यहां सक्रिय हो गए. बताया जा रहा है कि रोजाना यहां से बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से कोयला निकालकर उसे खुले बाजार में बेचा जा रहा था.इस अवैध काम में कई माफिया समूह सक्रिय थे, जिनमें माइन पर कब्जे को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था. माना जा रहा है कि इसी विवाद में माइन में आग लगा दी गई.
हालांकि, हालांकि मामला दबाने के लिए अब आग लगने के पीछे जहरीली गैसों के रिसाव को वजह बताया जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा होना संभव नहीं हैं. माइंस की गहराई ज्यादा नहीं होने की वजह से गैस का रिसाव संभव नहीं है.