गोदनी रोड़ के बांध की मरम्मत शुरू
यवतमाल। तिसरा महायुद्ध होगा तो पानी के लिए ऐसा कहा जाता है, जिससे पानी का महत्व अनन्य साधारण बढ़ गया है. इसीलिए यवतमाल के सजग नागरिक बंदू-बूंद से सागर बनाने का उपक्रम कार्यान्वित कर चुकें है, ऐसा सुबह 9.30 बजे देखने को मिला. यवतमालवासियों ने खुद के पैसे जमाकर 1 करोड़ लिटर पानी जमा करने हेतू पहला कदम उठाया है. गोदनी रोड़ के लॉ कालेज के सामने स्थित बांध प्राकृतिक आपदा के कारण फूट गया है. जिससे उसकी मरम्मत करने के लिए सिंचाई विभाग के पास पैसे नहीं है. इसीलिए इस बांध की मरम्मत का काम प्रयास ग्रुप ने पूरा करने का बीड़ा उठाया है. उसकी शुरुआत सुबह 9.30 बजे निवासी उपजिलाधिकारी राजेश खवले के हाथ से नारीयल फोड़कर की गई. पैसे ही नहीं तो खुद श्रमदान कर यह मरम्मत इस ग्रुप के सदस्य कर रहें है. इस ग्रुप के सदस्यों में डाक्टर, इंजिनिअर, बड़े व्यापारी और अन्य लोग शामिल है. इस काम में गिलहरी के समान अपना हिस्सा अंकुश गुज्जलवार ने उठाया है. उसने खुद का जेसीपी बिना कोई किराया लिए हुए जितने दिन काम चलेंगा उतने दिन दिया है. इस बांध का काम पूरा होने के बाद वहां लगभग 1 करोड़ लिटर पानी जमा होने की शुरुवात हो जाएंगी.
प्रयास ग्रुप का यह सराहणीय प्रयास है कि, निलोना बांध में जो किचड़ जमा हुआ है, उसे निकालकर उसका वितरण मुफ्त में किसानों को करें, ताकि किसानों को अच्छी फसल आएंगी और उनके हाथ में चार पैसे भी मिलेंगे. इस काम में यवतमाल के उदारवादी लोग सहयोग करेंगें.
इस काम की सराहना निवासी उपजिलाधिकारी राजेश खवले ने की. और बताया कि जिला प्रशासन उनके साथ है. जिससे प्रयास के सदस्यों को काम करने की ओर प्रेेरणा मिली है. इस समय म.जि.प्रा. के अधिकारी बोरकर उपस्थित थे. इस काम में वनविभाग के अधिकारियों ने भी अच्छा सहयोग दिया है. प्रयास के सदस्यों में डॉ. विजय कावलकर, डॉ. आलोक गुप्ता, सुरेश राठी, कमल बागडी, प्रदीप बनगीनवार, डॉ. चांडक, डॉ. पटेल, वसंत उपगनलावार आदि इस समय उपस्थित थे. इस काम की जानकारी दर्शन जाजू ने दी तो तकनीकि बातें इस बांध के मार्गदर्शक अमोल साखरकर और मंगेश बोपचे ने समझाकर बताई. इस बांध की मरम्मत की लागत ढ़ेड लाख रुपय आएंगी. जनसहयोग से ग्रुप के सदस्यों ने खुद होकर 35 हजार रुपए जमा किए. इस बांध से निलोना जानेवाले नालों में से किचड़ यही रुक जाएंगा. वैसे ही यहा स्थित वनविभाग की बंजर जमिन पर भविष्य में पौंधारोपण कर उसे फिर से हरा बनाने की मंशा इस ग्रुप ने व्यक्त की है. इससे पहले इस ग्रुप ने जाम रोड़ पर सैकड़ों पौंधों का रोपण किया. इतना ही नहीं तो इन पौधों को हर 3-4 दिन के बाद पानी देना शुरू है. जिससे यहां पर भी हरियाली दिखाई दे रही है.