– RTI के जवाब से ऐसा ही प्रतीत हो रहा,पिछली दफा भी टेंडर सम्बन्धी दस्तावेज लकड़गंज जोन में नहीं था,गेडाम से मंगवाकर उपलब्ध करवाया गया था,क्या गेडाम खुद का मिनी कार्यालय संचलन कर रहा
नागपुर – नियम को त्याग कर परंपरा से चलने वाली मनपा के पास जरुरत की जानकारी,कागजातें,मनुष्यबल,मशीनरी आदि परंपरा अनुसार उपलब्ध जरियो से मंगवाकर पूर्ति की जाती हैं,क्यूंकि यह कृत ‘बाबा आदम’ के ज़माने से चल रहा इसलिए मनपा के किसी भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष को आश्चर्य नहीं होता।ऐसा ही कुछ पिछले 9 माह से अनुभव हो रहा,सीमेंट सड़क फेज-2 संबंधी फाइल/कागजात न लकड़गंज जोन,न लोककर्म विभाग मुख्यालय और न वित् विभाग मुख्यालय में हैं,जब कभी सम्बंधित कागजातों की मांग की जाती तो मंगेश गेडाम से मंगवाकर उपलब्ध करवाई जाती,क्या यह समझा जाये कि मंगेश गेडाम ‘पैरेलल मनपा कार्यालय’ का संचलन कर रहा.
सितंबर 2020 में उक्त सड़क के संबंध में जानकारी तत्कालीन अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार से जानकारी मांगी गई थी,उन्होंने अपने उपअभियंता उइके से संपर्क करने का निर्देश दिया।कहा जाता हैं कि ‘चाय से ज्यादा केतली गर्म होती हैं’ इस तर्ज पर उइके ने जानकारी न देते हुए संबंधित जोन के लोककर्म विभागों से संपर्क करने का निर्देश दिया।क्यूंकि मामला लकडगंज जोन का था,इसलिए वहां के उपअभियंता मंगेश गेडाम से जानकारी मांगी गई,उसने जानकारी देने से मना कर दिया,साथ मे यह कहा कि तालेवार से अनुमति लेनी पड़ेगी,बाद में गेडाम का कॉल आया कि तालेवार ने कहा कि RTI के तहत लकडगंज जोन में जानकारी मांगे,फिर मिलेगा।इस दौरान गेडाम का नगर रचना विभाग में बदली हो गई।
लकडगंज जोन के लोककर्म विभाग से RTI कार्यकर्ता ने सीसी रोड फेज-2 के सम्बंध में टेंडर के पूर्ण कागजातों की मांग की थी तो लकडगंज के उपअभियंता पज़ारे ने आधी अधूरी जानकारी दी और कहा कि कार्यालय में इतना ही डॉक्यूमेंट हैं, अर्थात टेंडर के अनुसार पूर्ण कागजातें जमा नहीं की गई थी। आधी अधूरी जानकारी के खिलाफ RTI कार्यकर्ता ने अपील दायर की।अपील की जानकारी समय पर देने के बजाय मंगेश गेडाम से मांगी गई,गेडाम ने डीसी gurbaxani से मंगवाया फिर RTI कार्यकर्ता को दिया,इसमें भी महत्वपूर्ण कागजात गायब थे। उक्त घटनाक्रम से मनपा आयुक्त,मुख्य अभियंता,अधीक्षक अभियंता,कार्यकारी अभियंता लकडगंज और लेखा व वित्त अधिकारी को जानकारी होने के बावजूद सभी मूक प्रदर्शन कर रहे थे।
यह मामला अभी ठंडा नहीं हुए,कुछ और जानकारी के लिए लकडगंज जोन में RTI आवेदन डाला गया तो पझारे ने आज एक पत्र RTI कार्यकर्ता को थमाया,जिसमें एक पत्र उन्होंने मंगेश गेडाम को लिखा और दूसरा वित्त विभाग को,दोनों से जानकारी मांगी गई,ताकि RTI आवेदक को मांग अनुरूप जानकारी दी जा सके।
सवाल यह हैं कि सीमेंट सड़क फेज-2 से संबंधित कागजातें लकडगंज जोन और लोककर्म विभाग के पास होने की बजाय मंगेश गेडाम के पास होने की जानकारी मिली,इसलिए कि जब भी जोन या विभाग में जानकारी मांगी तो उन्होंने गेडाम से कागजातें मांगी फिर RTI कार्यकर्ता को दी गई,वह भी पूरी नहीं। इससे यह भी सवाल उठता हैं कि क्या मंगेश गेडाम मनपा के समकक्ष ‘मिनी कार्यालय’ चला रहा। ऐसा हैं तो मनपा में CE, SE, EE,स्थाई समिति और वित्त विभाग क्या कर रहे।
दूसरी ओर CE उक्त मामले में दोषी ठेकेदार मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स डीसी gurbaxani को बचाने के लिए जीतोड़ मेहनत करते हुए फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई और आयुक्त को सुपुर्द कर दिया।पिछले डेढ़ माह से आयुक्त उस रिपोर्ट पर समीक्षा करने के बजाय कुंडली मार बैठे हैं, इस मामले को लेकर एकमात्र जागरूक जनप्रतिनिधि संदीप जोशी ने भी 3-3 पत्र दिए लेकिन प्रशासन ने उन्हें भी ठेंगा दिखा कर सत्तापक्ष को बौना साबित करने की कोशिश की।