Published On : Fri, Oct 9th, 2020

मानसिक परेशानी को नजरअंदाज न करे

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नागपुर: दुनियाभर में 10 अक्टूबर को “वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों को  जागरूक करना है, ताकि लोग केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दांे को भी गंभीरता से ले। यदि िकसी व्यक्ति को िकसी तरह की मानसिक परेशानी होती है, तो उसे नजरअंदाज न करे। उस परेशानी के बारे में बात करे और मेंटल हेल्थ केयर का सहारा ले। इस साल वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की थीम है “मेंटल हेल्थ फॉर ऑल’।

हर 40 सेकंड में 1 आत्महत्या
डब्लूएचओ के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर 40 सेकंड़ में 1 व्यक्ति आत्महत्या करता है। इस िहसाब से आत्महत्या की वजह से हर साल करीब 8 लाख लोगों की मौत हो जाती है। आत्महत्या एक एेसी स्थिति है जो बेहद गंभीर और दुखद है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। आत्महत्या मानसिक बीमारी नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वजहें जुड़ी होती है। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर आत्महत्या को रोकने के उपयों पर भी विश्व स्वास्थ संगठन का फोकस है।

युवाओं के बीच बढ़ रही मानसिक समस्याएं
अब तक हो चुकी ढेरों िरसर्च और स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है िक युवाओं के बीच मानसिक बीमारियां तेजी से बढ़ रही है, खासकर 35 साल के कम उम्र के युवाओं के बीच मानसिक बीमारियों को रोका जा सकता है। इसके लिए इसपर ध्यान देने की जरूरत है।

मानसिक बीमारियों की वजह
मानसिक स्वास्थ पर ध्यान दिया जाए तो मानसिक बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है। काम से जुडा स्ट्रेस, िरलेशनशिप का स्ट्रेस, पैसों से जुड़ा तनाव, इमोशन से जुडा तनाव, एग्जाइटी यानि बेचैनी आदि कई फैक्टर्स हैं जो इंसान को मानसिक रूप से बीमार बनाते है। साइश्यट्रिस्ट डॉक्टर कहते हैं िक मेडिटेशन के जरिए स्ट्रेस और तनाव को कम िकया जा सकता है।

मेंटल हेल्थ बनाए रखने के 6 तरीके
बैलेंस्ड डाइट जिसमें फाइबर, प्रोटीन, हेल्दी फैट, कार्बोहाइड्रेट, िवटामिन्स और मिनरल्स हो। हेल्दी फूड िडप्रेशन जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है।ि फजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज को डेली रूटीन का िहस्सा बनाएं। खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखने का यह सबसे अच्छा और आसान तरीका है। हेल्दी बॉडी और माइंड के िलए यह बेहद जरूरी है िक आप रात में कम से कम 6-7 घंटे की अच्छी और चैन की नींद लें।

साल में एक बार मेंटल हेल्ल्थ प्रोफेशनल से चेकअप कराए। जरूरी नहीं कि बिमार होने पर ही डॉक्टर के पास जाया जाए।

डॉ प्रीतम चांडक-मनोरोग तज्ञ