Published On : Mon, Apr 1st, 2019

रेत चोरों के आगे जिला प्रशासन कमजोर, अवैध उत्खनन बंद करने की राज्यपाल से गुहार

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नागपुर : रेत चोरों में इन दिनों वर्चस्व की लड़ाई शुरू है, जिसके चलते इनमें गैंगवार होने की आशंका जताई जा रही है. रेत चोर औद्योगिक इलाकों से गुज़रनेवाली नदी के हिस्से में खुलेआम अवैध रेत उत्खनन कर रहे हैं. इस पर प्रशासन लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है. सत्ता के क़रीबी छुटभइया नेता भी इस अवैध कारोबार से जुड़े हैं. इस ओर पुलिसस अधीक्षक, जिलाधिकारी , विभागीय आयुक्त, पुलिस महासंचालक एवं महा महीम राज्यपाल से तत्काल प्रभाव से ये गोरख धंदा बंद करणे की मांग रिपब्लिकन भीमशक्ति महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर भिमटे ने की है.

सूत्रों के अनुसार इन दिनों कन्हान की कन्हान नदी चर्चाओं है. यहां पर शाम ढलते ही जेसीपी मशीन और लेबरों को सीधे नदी किनारे रेत खोदने के लिए उतार दिया जाता है.

इस अवैध रेत की ढुलाई पिकअप वैन से लेकर ट्रैक्टर जैसे वाहनों से किया जाता है. इस अवैध रेत चोरी की जानकारी जिला प्रशासन से लेकर पुलिस विभाग को भी होती है लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं.

ग्रामीण नागरी का भी आरोप है कि रेत चोरों के तार सीधे सरकार में बैठे रसूखदार और खनिज विभाग से होते हुए पुलिस के साथ जुड़े होने से करवाई नहीं होती.

बता दें कि कन्हान नदी घाट परिसर में सिहोरा, सिंगारदीप, पिपरी, गाडेघाट, जूनीकामठी, बोरीसिंगोरी, घाटरोहना ,वाघोला, बखारी, पालोरा आते हैं. इन घाटों में जेसीपी मशीन के माध्यम से सीधे रेत निकाली जा रही है.

आमतौर पर दिन में जेसीपी मशीन नदी किनारे स्थित एक खेत में छुपाकर रखी जाती है. जेसे ही शाम ढलती है तो सीधे जेसीपी मशीन के माध्यम से गाड़ियों को भरने का सिलसिला शुरू कर दिया जाता है. ग्रामीणों व्दारा प्रशासन के आधिकारियो कों फोन पर सूचना देने के बावजूद करवाई नहीं की जाती है. इस बात से साफ तौर पर जाहिर है कि रेत चोरी का कुछ हिस्सा कथित तौर पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक पहुचां दिया जाता है. सूत्रों का दावा है कि धडल्ले से रेत चोरी की जाती है.