मुफ़्त शिक्षा के अधिकार अंतर्गत प्रवेश की सीमा वर्तमान में सात साल निर्धारित की गई थी लेकिन जुलाई और नवंबर के महीने में जन्में बच्चों का नुक़सान हो रहा था इस संदर्भ में आरटिई एक्शन कमिटी के चेयरमैन मो शाहिद शरीफ़ ने शिक्षा विभाग को अवगत कराया था लेकिन उसका निर्णय विलंब से हुआ जहाँ 28 फ़रवरी २०२२ को आवेदन की अंतिम तिथी शिक्षा विभाग ने घोषित की थी और 28 फ़रवरी को ही आदेश जारी कर प्रवेश की आयु सीमा बढ़ा दी गई जो कि इस प्रकार नर्सरी के लिए ४.६ महीने, के जी-१ के लिए ५.६ , के जी-२ के लिए ६.६ और १ कक्षा के लिए ७.६
सनद रहे कि एक ३२दिसंबर २०२२ को बच्चे की आयु ७.६ और छह महीने चाहिए पहली कक्षा के लिए।
विलंब से निर्णय होने के कारण सम्पूर्ण राज्य में विद्यार्थियों का नुक़सान हुआ है इसके लिए शिक्षा विभाग आवेदन की थी ३१मार्च तक बढ़ाये पालकों को आज भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है पोर्टल में दी गई शालाएँ आवेदन मे मैपिंग नहीं हो रही और शिक्षण विभाग के जिला स्तर के कार्यालय सहयोग नहीं कर रहे हैं।उप संचालक ऑनलाइन प्रवेश के अध्यक्ष होते हुए भी संज्ञान लेने तैयार नहीं हैं