- आसपास के लोगों की नजरें जमीन पर टिकी
- विवादों में घिरे जमीन पर हो सकते हैं कई दावे
- जमीन पर अतिक्रमणकारियों का डेरा
- आरोपियों को पकड़ने की माँग की नगराध्यक्ष ने
तुमसर (भंडारा)। शहर को सुंदर व ऐतिहासिक वास्तु से सजाने के लिए जिस नेता ने ७५ लाख रुपये मॉयल से मंजूर करवाकर सांस्कृतिक भवन का भूमिपूजन कर शिलालेख बनवाया. ऐसे वजनदार नेता का नाम वाले शिलालेख को तोड़कर नेता का नाम मिटाने की घटना शहर के मध्य भाग स्थित संताजी सभागृह के पास घटी. इसकी खबर तब लगी. जब इस आशय की खबर समाचार पत्रों में छपी. तब प्रपुâल पटेल की राकांपा के नेता १० दिनों के बाद नींद से जागे. उसके बाद थानेदार को निवेदन देकर जाँच की माँग की गई. अब इस मामले की जाँच होगी या राजनीति, इस पर सभी की नजरें टिक गई हैं.
इस सांस्कृतिक भवन की जगह पर भूमिपूजन के बाद अनेकों ने अतिक्रमण कर ली थी. सांस्कृतिक भवन की जगह पर उन अतिक्रमणकारियों ने अपने सामान – गाड़ी, ढेले इत्यादि रखे हुए हैं. आशंका जतायी जा रही है कि उन्हीं में से किसी ने शिलालेख तोड़ दी हो. और यह भी हो सकता है कि संताजी मण्डल के बाजू की यह जगह मंडल को देने की बात उठे. उक्त जगह किसकी मलकियत की है, यह बात अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है.
चकोले परिवार उक्त जमीन के बाजू में होने की वजह से उनके द्वारा दावा किए जाने की बात कही जा रही है. वहीं नगर परिषद भी अपना हक जता रही है. दूसरी ओर संताजी मंडल को जमीन मिले इसके लिए एड. दिलीप तिमांडे ने वहीं स्थित पानी की टंकी में मिट्टी डालकर बंद कर दिया है. इससे अब चौतरफा विवाद उठने की संभावना प्रबल हो रही है.
सांस्कृतिक सभागृह का भूमिपूजन प्रफुल पटेल के निकटवर्ती नगराध्यक्ष विजय डेकाटे द्वारा कैसे भूमिपूजन किया गया? उनके कार्यकाल खत्म हुए ६ महीने के बाद भूमिपूजन का स्थल तोड़ कर शहर में तनाव का वातावरण निर्माण करने का प्रयत्न किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा किए जाने की बात स्पष्ट हो रही है. तोड़ने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई किए जाने की बात उठ रही है.
पुलिस शीघ्र गुनहगार को पकड़े : नगराध्यक्ष
शिलालेख तोड़ने के मामले में राष्ट्रवादी की ओर से पुलिस को निवेदन सौंपने के २४ घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है. मामले की शीघ्रतीशीघ्र जाँच कर दोषियों प कार्रवाई करने की माँग तुमसर के नगराध्यक्ष अभिषेक कारेमोरे ने की है.