Published On : Wed, Jun 9th, 2021

निविदा घोटालेबाज मुख्य अभियंता तासकर को बर्खास्त करने की मांग

– जि.प.सदस्य कंभाले ने ऊर्जा मंत्री डा. नितिन राऊत को ज्ञापन सौंपा

नागपुर: कोराडी ताप विधुत केन्द्र के मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर यह आफिसर अपनी जिम्मेदारी के कार्य कम और गंदी राजनीति ज्यादा कर रहा है और लाखों के टेंडर घोटाले करके महानिर्मिती का दिवाला निकाल रहे है। यह सनसनीखेज खुलासा कोराडी के जिला परिषद सदस्य व कांग्रेस पार्टी के कामठी तहसील अध्यक्ष ज्ञानेश्वर ऊर्फ नानाभाई कंभाले ने ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत को सौंपे ज्ञापन मे स्पष्ट किया है कि कोराडी ताप विधुत केन्द्र के सुरक्षा विभाग मे टैक्सी वाहन आपूर्ति के लिए 52 लाख रुपये की लागत से ई-निविदा की गयी थी। इस ई-निविदा प्रपत्र के नियमों मे मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर ने हेराफेरी की है। कांग्रेस के जि. प.नेता श्री कंभाले बताया कि अपनी चहेती पार्टनर फर्म के पक्ष में निविदा ठेका नही मिलने की भनक लगते ही मुख्य अभियंता श्री तासकर महोदय ने वह निविदा प्रपत्र को निरस्त करवा दिया और नई निविदा शर्त और नियम बदलकर पुनः नयी निविदा आमंत्रित की।जिसे लेकर महानिर्मिती मे खलबली मची हुई है।

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उन्होंने आगे कहा कि व्यक्तिगत लालच के चक्कर मे मुख्य अभियंता श्री तासकर महोदय अपनी आदत से लाचार रहते है इसलिए वे नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाने नही भूलते है। विगत सप्ताह कोराडी ताप विधुत केन्द्र के सुरक्षा विभाग के लिए टैक्सी वाहनों की आपूर्ति के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गयी थी।जिसकी निविदा क्रमांक 3000016689 दिनांक 19/05/2021 है,ई-निविदा ठेका कार्य की अनुमानित कीमत रुपये 52 लाख है। जिसमे 08 फार्मों ने निविदा प्रपत्र दायर किया था,जबकि निविदा धारक सभी आठों फर्म तकनीकी तौर पर अत्यंत अनुभव कुशल है।सभी निविदा धारक 08 फार्मों ने 55–55 हजार रुपये अमानत राशि महानिर्मिती के बैंक खाते मे भुगतान भी किया है।बताते हैं कि मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर को अपनी चहेती फर्म को निविदा ठेका नही मिलने की भनक थी।नतीजा मुख्य अभियंता श्री तासकर ने वह निविदा रद्द करवा दिया। क्योंकि यह निविदा ठेका इनकी चहेती फर्म के हाथ से निकलने का डर उन्हे सता रहा था।।इसलिए मुख्य अभियंता महोदय को कथित लालच का टैंशन बढने के कारण यह घिनोना खेल खेलना मंहगा पड गया।हालांकि देखने मे मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर बडा ही शांत स्वभाव का लगता और गौ की तरह दिखता है,परंतु कूटनीतिक मामलों में वह बडा ही सातिर है। श्री तासकर के नजदीक सूत्रों के अनुसार हाथी के खाने दांत कुछ और दिखाने के दांत अलग होते है। अंततः लालची अभियंता श्री तासकर के आदेशों पर निविदा कमेटी ने निविदा शर्त और नियम बदलकर पुनः नयी निविदा आमंत्रित कर ही दी। जिसकी निविदा क्रमांक 3000017904 दिनांक 13/04/2021 रखा गया है। हालांकि मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर की चहेती फर्म को निविदा ठेका मिलने के लिए ऐंडी-चोटी एक की है।अभियंता श्री तासकर की चहेती फर्म को निविदा ठेका प्राप्त हुआ तब उसने चैन की सांस ली।अपनी चहेती पार्टनर फर्म को निविदा ठेका दिलाने के लिए सबंधित पार्टी फर्म से अच्छी खासी मोटी रकम लिये जाने की चर्चा है। निविदा कमेटी मे जारी गुप्तगू के मुताबिक मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर ने अपनी चहेती फर्म को 4.9% प्रतिशत अधिक भाव मे निविदा पास करवाने मे सफलता प्राप्त की है। मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर की मानसिकता के मुताबिक “अपना काम बनता और भांड मे गई जनता” की कहावते चरितार्थ हो रही है।

कांग्रेस पार्टी के जिला परिषद सदस्य श्री कंभाले ने ज्ञापन मे मय सबूत बतौर स्पस्ट किया है कि 03 साल पूर्व भी इस पथभ्रस्ट मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर ने सन इसी पावर प्लांट मे टैक्सी आपूर्ति निविदा ठेका मे भी भारी गोलमोल करके हेराफेरी की थी।जिसकी निविदा क्रमांक 64583, मार्च 2018 मे अपनी चहेती फर्म को निविदा ठेका नही मिलने की भनक से 6 मर्तबा निविदा शर्तें और नियम बदल-बदल कर निविदाएं आमंत्रित करके भारी भ्रष्टाचार किया था।पूछे जाने पर मुख्य अभियंता श्री तासकर बन्द कमरे मे निविदा धारकों के सामने गिडगिडाते रहते है कि हमे हेड आफिस और ऊर्जा मंत्रालय को मुह मांगी रकम निधि-फन्ड पंहुचानी पडती है। पथभ्रष्ट्र मुख्य अभियंता श्री तासकर द्वारा बारंबार रद्द की गयी ई-निविदा क्रमांक इस प्रकार है। निविदा-क्रमांक:-2810 महिना अगस्त 2018,निविदा क्रमांक:- 76904 महिना नवम्बर 2018, निविदा क्रमांक:- 79581,महिना जनवरी 2019,तथा निविदा क्रमांक:-80890,महिना फरवरी 2019,इस प्रकार अपनी चहेती फर्म को निविदा ठेका नही मिलने की आशंका के मद्देनजर एक ही काम की ई-निविदाएं 6 मर्तबा रद्द किया गया और नये सिरे से निविदाएं नयी आमंत्रित करना पड़ा था।लोभ-लालच के कारण उन्हें यह घिनोना करना पडा। इस प्रकार महानिर्मिती बिजली केन्द्र का दिवाला निकालने का घिनौना कार्य मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर कर रहे है। मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर अपनी आदत से लाचार रहते है।हालांकि अनियमितता,कर्जबाजारी और घोटालों की वजह से महानिर्मिती के बिजली केन्द्रों का पहले से ही दिवाला निकल चुका है।नतीजतन सरकार सभी विधुत केन्द्रों को निजि कंपनियों को सौंपने की तैयारी मे जुटी हुई हैं। इधर कथित भ्रष्टाचारी मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर भी वही करना चाहते हैं कि जल्द से जल्द महानिर्मिती का दिवाला निकल जाए।ताकि महानिर्मिती बिजली केन्द्रों का जल्द सत्यानाश हो जाए।

महानिर्मिती विधुत केन्द्र मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक महामतलब-परस्त मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर ने तो नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी जिम्मेदारियां के काम कम और गंदी राजनीति खेलकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने मे जुटे हुए है।प्राप्त सबूतों के आधार अभियंता श्री राजकुमार तासकर पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप मे 06 साल पूर्व चंद्रपुर महाताप विधुत केन्द्र से मुंबई मुख्यालय मे ताबादला कर दिया गया था,नतीजतन अभियंता श्री राजकुमार तासकर का सीआर खराब कर दिया गया था। विधुत मुख्यालय मे श्री तासकर बहुत हैरान और परेशान रहते थे एवं मुंबई में उनका सुख चैन उजड़ गया था।अंततःलालची मुख्य अभियंता श्री तासकर महोदय ने अपनी चहेती अनेक फर्मोः से दो करोड रुपये की उगाही की और अत्याधिक कमाई वाले कोराडी विधुत केन्द्र मे अपना ट्रांसफर करवाने मे सफलता हांसिल की थी। महानिर्मिती विधुते केन्द्रों के समस्त विधुत केन्द्रों मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक अभियंता श्री राजकुमार तासकर यह मुख्य अभियंता के लायक है ही नही? उसकी महानिर्मिती नियम विरोधी करतूतों के अनुसार वह मुख्य अभियंता पद की गरिमा को खराब करते जा रहे है?

कांग्रेस पार्टी नेता ज्ञानेश्वर ऊर्फ नानाभाई कंभाले सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत से अपनी अपेक्षा व्यक्त की है कि ऐसे अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाह और बिजली केन्द्रों का दिवाला निकालने वाले सातिर मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर को बर्खास्त करने य डिमोशन ताबादला विधुत मुख्यालय मुंबई मे करके महानिर्मिती को दिवालिया होने से बचाया जाए।इस प्रकरण को लेकर यहां की समाजसेवी संस्थाएँ मुंबई उच्च न्यायालय नागपुर खंडपीठ मे जन-हित याचिका दायर करने की तैयारियों में जुटी हूई है शिकायतकर्ताओं ने ज्ञापन की प्रतियां मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे,महानिर्मिती के प्रबंध निदेशक,विधुत निर्माण निदेशक और अन्य सबंधित अधिकारियों को अग्रेषित किया है।

कोर्ट मे जा सकते है:C.E. तासकर का कथन
तत्सबंध मे कुछ पत्रकार महानुभाव ने मुख्य अभियंता श्री राजकुमार तासकर से फोन पर सच्चाई जानना चाहा तो उन्होंने स्पष्ट तोड जबाव दिया कि जिसको जो करना है,वह कर सकते है।उनके लिए कोर्ट खुला है।कोर्ट मे चुनौती दिया में जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि इसमे उनका कोई कसूर नही है।उक्त टेंडर मे कन्डीशन और रुल्स दर्ज करना रह गया था।इसलिए इस टेंडर को उन्हे रद्ध करना पडा है। अब जिसे जो करना है उसके लिए कोर्ट खुला है।

इस सबंध में महाराष्ट्र राज्य के ऊर्जा मंत्री डा. नितिन राऊत क्या मामले की जांच-पड़ताल और उचित कार्यवाई कर सकते है?सभी निविदा धारक फार्मों और जागरूक जनता की निगाहें उन पर टिकी हूई है,क्योंकि मामला महानिर्मिती बिजली केन्द्र का है।तत्सबंध मे कुशल कानूनी सलाहकार अधिवक्ताओं के अनुसार हर कार्य के लिए कोर्ट का दरबाजा खटखटाना जरुरी नही है। फिर विधुत मुख्यालय के सी.एम.डी. क्या कर रहे है। तथा ऊर्जा मंत्री को जनता ने किस कार्य के लिए चुनकर भेजा है,ऊर्जा मंत्रालय कोई अहमियत रखता है य नही वह किस कार्य के लिए है,इस प्रकार तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म चल रहा है ।

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