– आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री को ज्ञापन
काटोल/नरखेड– तालुका की वर्तमान स्थिति के अनुसार, सरकार को गीला अकाल घोषित करने के लिए किसी प्रकार का सर्वेक्षण करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार की बारिश रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि काटोल, नरखेड़ तालुका में गीला अकाल घोषित किया जा सकता है। आम आदमी पार्टी ने मांग की कि सरकारी सहायता जो गीले अकाल के दौरान दी जानी चाहिए। और बीमा राशि उन किसानों को तुरंत दी जानी चाहिए जिन्होंने बीमा लिया।
आम आदमी पार्टी की ओर से युवा नेता वृषभ वानखेड़े ने आज मुख्य मांग को लेकर उपमंडल अधिकारी काटोल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। कि गीला अकाल घोषित किया जाए।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के नेता सुनीलदादा वडस्कर, जिल्हा संयोजक गणेश रेवतकर, चंद्रशेखर खरपुरिया, रमन मनकवडे, सुरेश धोटे, दत्ताजी धवड, कृष्णा ठाकरे समेत दो सौ से अधिक किसान मौजूद थे।
इस समय विदर्भ और विदर्भ के सभी जिलों में पिछले पच्चीस दिनों से भारी बारिश हो रही है। कई जिलों में नदियों में बाढ़ आ गई है। इससे कृषि फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कई जगह किसानों की फसल पानी में डूब गई है। किसान का खरीफ सीजन बर्बाद हो गया है। इससे किसानों पर दोहरी बुवाई की समस्या थोपी गई है।
भारी बारिश के कारण मूंग, उड़द जैसी फसलें, जो बमुश्किल अंकुरित हुई थीं, बह गईं और कपास, सोयाबीन जैसी फसलें जल गईं। लगातार बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। सोयाबीन की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। भारी बारिश से कपास को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी जमा होने से कपास की फसल जड़ से सड़ने की स्थिति में है। भारी बारिश के कारण संतरे और मोसम्बी का 50% से अधिक अंबिया बहरा और मोसम्बी के संतरे खो दिए हैं। इसलिए पंचनामा के माध्यम से अकाल घोषित करें, किसानों को १ लाख रुपये प्रति हेक्टर सहायता की घोषणा करें, किसानों का पूरा बिजली बिल माफ करें और पूर्णकालिन बिजली आपूर्ति प्रदान करें, जंगली जानवरों के कारण कृषि नुकसान के लिए शत-प्रतिशत मुआवजा प्रदान करें, किसानों का पूरा कर्ज माफ करें, किसान और किसानों को फसल बीमा प्रदान करें। आम आदमी पार्टी की ओर से, महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिया गया था जिसमें मांग की गई थी कि रिफंड तुरंत दिया जाए। आम आदमी पार्टी ने इन मांगों को तत्काल पूरा नहीं करने पर गंभीर आंदोलन की चेतावनी दी है।
इस समय विट्ठलराव काकड़े, उत्तमराव वानखेड़े, चेतन उमाठे, केवल तुमडाम, निलेश पेठे, दुर्गेश चौधरी, रवींद्र राऊत, स्वप्निल तगड़े, अविनाश राऊत, आकाश रंगारी, प्रशांत घाडगे, दिलीप हिरुडकर, गजानन धोटे, प्रकाश बोंद्रे , प्रभाकर ठाकरे, गिरीश शेंडे, संजय उपसे, रवी गुजकर, देवीदास घयवट, विनोद क्षीरसागर, रमेश पोद्दार, ललित सावरकर, भोजराज मोहरिया, आनंदराव बंड, आकाश खंडारे, जुबेर शेख, रामराव पाटिल, प्रज्वल हिरुडकर, नथ्थुजी डवरे, बब्लु शेख, पंकज कंगाले, सुनील बरोले, शुभम वानखेड़े, धीरज रंगारी, पुंडलिक हरने, मारुति कोळी, शरद दुपारे, रोशन नखाते, अर्जुन निवेश, विनोद थोटे सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।