Published On : Thu, Oct 12th, 2017

अदालत से नरभक्षी बाघिन को मौत की सजा

Tiger
नागपुर: नागपुर जिले के बोरलैंड स्केप में बीते एक महीने से आतंक मचा रही नरभक्षी बाघिन को मारने का हुक्म अदालत ने दे दिया है। कोंढाली के आसपास के इलाके में बीते एक महीने से आतंक का पर्याय बन चुकी टी -27 कब -1 बाघिन ने कई लोगो पर हमला किया। 19 सितंबर से 2 अक्टूबर के दौरान तीन लोगो पर उसके द्वारा किये गए हमले में दो की मौत हो चुकी है जबकि एक गंभीर रूप से जख्मी है। चार अक्टूबर को प्रधान वनसंरक्षक ( वाईल्ड लाइफ ) ए के मिश्रा द्वारा चार अक्टूबर को इस बाघिन को मारने का आदेश निकाला गया था।

वन विभाग के इस आदेश को चुनौती देते हुए जैरिल बनाइत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सभी पक्षों की सुनवाई के बाद मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ की न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और स्वप्ना जोशी की दोहरी पीठ ने वन विभाग द्वारा निकाले गए आदेश को जारी रखने का फैसला किया।

बाघिन को मारने का वन विभाग द्वारा निकाले गए आदेश पर अदालत ने चार अक्टूबर को स्टे लगा दिया था। अदालत ने वन विभाग को अपने आदेश को और स्पस्ट करने को कहाँ,जिसके बाद 9 अक्टूबर को वन विभाग ने नए सिरे से आदेश निकला। जिसे 10 अक्टूबर को अदालत में जमा कराया गया 11 को इस पर सुनवाई हुई और गुरुवार को अदालत ने वन विभाग द्वारा निकाले गए आदेश को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद वन विभाग गुरुवार से ही अपने आदेश पर सक्रीय ऑपरेशन की शुरुवात कर चुका है।

Gold Rate
14 Aug 2025
Gold 24 KT ₹ 1,00,200 /-
Gold 22 KT ₹ 93,200 /-
Silver/Kg ₹ 1,16,100/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

सुनवाई के दौरान याचिककर्ता के वकील तुषार मंडलेकर ने बाघिन को मारने से पहले यह सुनिश्चित करने को कहाँ था की बाघिन जानलेवा है। इस पर वन विभाग के वकील कार्तिक शुकुन ने बाघिन द्वारा लोगो पर किये गए हमलो का विवरण अदालत में रखते हुए इसे खूंखार बताया।

ब्रम्हपुरी से पकड़कर इस रेडिओ कॉलर बाघ को जुलाई 2017 में बोर अभ्यारण में छोड़ा गया था। इस खूंखार बाघिन को मारने के लिए हैदराबाद से शिकारी सफत अली खान को बुलाया गया है।

Advertisement
Advertisement