Published On : Tue, Dec 16th, 2014

नवरगांव : खेत के कुएं में मिली मृत बाघिन

Advertisement

 

  • शिवणी वनपरीक्षेत्र की घटना
  • मौत का कारण पता नहीं चला

Tigress in the well  (1)
नवरगांव (चंद्रपुर)। सिंदेवाही तालुका के शिवणी वनपरीक्षेत्र की उमा नदी किनारे से 200 से 250 मीटर दुरी पर नामदेव काशीनाथ गहाने के खेत के कुएं में पट्टेदार बाघिन मृतावस्था में मिली जिससें परिसर में खलबली मची है. इस दौरान मृत बाघिन को देखने के लिए नागरिकों की भीड़ जमा हुई.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार 16 दिसंबर की सुबह 7:30 बजे विनोद काशीनाथ गहाने गट क्र. 313 खेत में जाने पर उसे कुएं में पट्टेदार बाघिन मृतवस्था में दिखाई दी. उसने तुरंत इसकी सुचना वनविभाग को दी. सुचना के आधार पर वनविभाग के कर्मचारी शिवणी वनपरीक्षेत्र अधिकारी जाधव, उपवनरक्षक राजेंद्र हरवने और वनकर्मचारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे व बाघिन का पंचनामा किया. मृत बाघिन को रस्सी की सहायता से कुएं से बाहर निकालकर ट्रैक्टर द्वारा वनपरीक्षेत्र पहुँचाया गया. बाघिन के अंग सही सलामत थे या नही तथा मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पायेगा.

Tigress in the well  (2)
मृत बाघिन 4 से 5 वर्ष की थी. जिस कुएं में बाघिन मिली उस कुएं में पानी का स्तर 1 से 2 फुट अंतर पर है और उसके आस-पास पत्थर है. ऐसे समय कोई भी जानवर कुएं के बहार आ सकता है. लेकिन बाघिन मृत होने का कारण अभीतक प्रश्न बना हुआ है. कुएं के समीप के पत्थर पर बाघिन के बाल दिखाई दिए है और बाघिन भी फुली नहीं थी. एक रात भर में ही बाघिन कैसे मर सकती है? जिससे मौत का कारण पता नहीं चला है.

अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने पर एक किसान ने बताया है कि, खेत परिसर में गत 8-15 दिनों से अपने शावकों के साथ बाघिन डेरा डालें हुयी थी. उन शावकों का क्या होगा ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है.

Tigress in the well  (3)
गौरतलब है कि, सिंदेवाही तालुका के रत्नापुर क्षेत्र में यही घटनास्थल से करीब 1 से 2 किमी दुरी पर 19 दिसंबर 2011 में भी पट्टेदार बाघिन मृत मिली थी. वो भी फुली नही थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभीतक पता नही चली. ऐसा ही मामला घटते हुए वनविभाग ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट जनता को नहीं बताई. जिससे वनविभाग के कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है.
Tigress in the well  (4)
Tigress in the well  (5)