Published On : Tue, Dec 16th, 2014

यवतमाल : केंद्रीय पथक की बाभुलगांव, कलंब को भेट

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अकालसदृष्य स्थिति का निरीक्षण, किसान-गांववालों से चर्चा

Kendiya dal
यवतमाल। खरीफ मौसम में विलंब से वर्षा आयी और अल्प हुई. जिससे जिले में अकाल की स्थिति है. उसका निरीक्षण करने के लिए केंद्र सरकार के दो अलग-अलग पथक यवतमाल में आनेवाले थे. उसमें से एक पथक अमरावती से देवगाव होते हुए बाभुलगाव पहुंचा. बाभुलगाव के नायगाव के 4 खेतों को भेट देकर उसका निरीक्षण किया. बाद में वहां के किसान और गांववालों से चर्चा की. उसके बाद यह पथक कलंब तहसील के गांधा गाव में पहुंचा. जहां इस गाव के खेत में भेंट देकर किसानों से चर्चा की और अकाल का जायजा लिया.

अमरावती से दाखिल हुए इस पथक में कपास विकास संचालनालय के संचालक आर.पी. सिंग, पशुसंवर्धन उपायुक्त चंद्रशेखर साहुकार, भारतीय खाद्य निगम के
सहसंचालक सुधीर कुमार, पानी आपूर्ति और सफाई विभाग के सहाय्यक सलाहगार विजय कुमार बाथला के साथ राज्य सरकार के मदद एवं पुनर्वसन विभाग के उपसचिव मंदार पोहरे, अतिरिक्त सचिव श्रीरंग घोलप आदि का समावेश था. इस पथक के साथ अमरावती संभाग के विभागीय आयुक्त ज्ञानेश्वर राजुरकर,
उपायुक्त रविंद्र ठाकरे, यवतमाल एसडीओ नरेंद्र टापरे, रालेगाव एसडीओ मोहन जोशी, बाभूलगाव तहसिलदार किरण सावंत पाटील, कलंब तहसिलदार संतोष काकड़े आदि उपस्थित थे.

इस पथक ने कलंब के नायगाव निवासी शंकर नागोसे  इस किसान के खेत को भेट देकर गाववालों से बातचीत की. जिसमें मोहन कापसे, सतिश मानलकर, कृष्णा महानूर ने किसानों की समस्या इस केंद्रीय दल को बताई. इस पथक ने खेती की लागत, साल में दो-तीन बार फसलें ली जाती है क्या?, सिंचाई की सुविधा,
बिजली की उपलब्धता आदि के बारे में पूछताछ कर वह बातें उनकी रिपोर्ट में दर्ज की है. उसके बाद यह केंद्रीय दल कलंब के गांधा पहुंचा जहां श्रीराम कांबले एवं
रामाजी टेकाम इन किसानों के फसल और कुए का निरीक्षण किया. गत वर्ष की तूलना में इस वर्ष फसल की स्थिति और इस वर्ष फसल कितनी कम हुई आदि की
जानकारी लेकर रिपोर्ट मेें दर्ज की है. यही दल यहां से वर्धा जिले की ओर रवाना हुआ है.

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परभणी से दूसरा पथक नहीं पहुंचा

उमरखेड़ और महागाव में भी केंद्रीय अधिकारियों का दूसरा दल जिले में पहुंचनेवाला था. मगर वह पथक अबतक समाचार लिखे जाने तक नहीं पहुंच पाया है. यह दल उमरखेड़ के नागेशवाड़ी और महागाव के मुडाणा गाव को भेंट देनेवाला था. उसी प्रकार वहां के खेतों की फसलों का निरीक्षण कर अकाल स्थिति की जानकारी हासिल करनेवाला था. इन गावों के किसानों से केंद्रीय दल के अधिकारी रूबरू होनेवाले थे, मगर शाम होने के बाद भी यह दल उमरखेड़ और महागाव के इन गांवों में नहीं पहुंचने की जानकारी प्राप्त हुई है. जल्दी ही यह पथक उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनेवाला है. उसके बाद किसानों को सहायता मिलनेवाली है. इसलिए इस दल का निरीक्षण और उसकी रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.