Published On : Mon, Jun 21st, 2021

महानिर्मिती पर ठेकेदारों-आपूर्तिकर्ताओं का करोडों बकाया

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– कर्जबाजारी का बोझ से फर्मों में असंतोष

नागपुर: महानिर्मिती के खापरखेडा थर्मल पावर प्लांट में कार्यरत करीबन 50 से 60 ठेका फर्मों तथा तकनीकी सहित्य एवं कलपुर्जे आपूर्तिकर्ताओ का महानिर्मिती पर करोडों रुपये बकाया है,समय पर उनके द्वारा किये गए कार्यों और तकनीकी सहित्य,मटेरियल आपूर्ति का बकाया भुगतान रुकने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।

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खापरखेडा बिजलीघर ठेकेदार संगठन के मुताबिक सभी सप्लायर और ठेका फर्मों को कर्जबाजारी की मार झेलना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि पिछले मार्च 2010 से अभी तक समस्त ठेका फर्मों तथा सप्लायरों को बिलों का भुगतान 35 से 45% ही किया गया है,जो कि ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ के समान की कहावत चरितार्थ हो रही है।

बताया जाता है कि सभी फर्मों और सप्लायरों ने कर्जबाजारी करके अपने श्रमिकों का भविष्य निर्वाह निधि,ई.एस.आई.सी. तथा ग्रुप जीवन बीमा की राशि का भुगतान करना पड़ा है तथा कर्जबाजारी करके ही तमाम श्रमिकों को उनका वेतन भुगतान किया जाता रहा है। महानिर्मिती की तरफ से जो बिलों का भुगतान होता है। उसमे साहूकारों,सोसायटी तथा बैंकों से लिया गया कर्जा किस्त स्वरुप चुकाया जाता है।

इस सबंध में कान्ट्रक्टर असोसियेशन के अध्यक्ष दिलीप बनसोड और महासचिव दिवाकर घेर के नेतृत्व में ठेकेदारों का प्रतिनिधी मंडल ऊर्जा मंत्री डा. नितिन राऊत को मिला तथा मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। जिसमे खापरखेडा बिजलीघर के ठेका फर्मों तथा सप्लायरों का बकाया बिलों का जल्द भुगतान करवाने की मांगों को दोहराया गया। महानिर्मिती के तरफ भुगतान बकाया को लेकर तमाम ठेका फर्मों तथा सप्लायरों मे असंतोष पनप उठा है।

उल्लेखनीय यह हैं कि ऊर्जा मंत्री के तरफ से शिष्टमंडल को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया.क्यूंकि मुंबई स्थित ऊर्जा मंत्रालय से सम्बंधित कामकाजों को छोड़ कर उनके बजाय उनका करीबी रिश्तेदार देखता हैं,यहीं नहीं महानिर्मिति,महापारेषण और महावितरण के स्थानीय स्तर के अधिकारियों की बैठक भी उनका अदना सा रिश्तेदार ही लिया करता हैं,इनके ही दिशा-निर्देश पर रिश्तेदार के करीबियों को कोटेशन आदि के काम आवंटित किये जा रहे,उक्त जानकारी महाजेनको के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने के शर्त पर दी हैं.

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