Published On : Tue, Mar 12th, 2019

कुख्यात क्रिकेट सट्टेबाज फिर हुआ सक्रिय

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ईडी और पुलिस महकमा कर रहा नज़रअंदाज

नागपुर : क्रिकेट सट्टेबाज शहर में फिर सक्रिय हो चुके हैं. लेकिन पुलिस और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) विभाग इससे अनजान बना बैठा है. पिछले बार एक बड़ा सटोरिया गिरफ्त में आया था, लेकिन इसकी आंच जब इससे जुड़े बड़े नामों से जुड़ने लगे तो संबंधितों ने खुद को बचाने के लिए उसे बचा लिया.

याद रहे कि अब फिर एक बार वह सट्टा कारोबार की दुनिया में पूरी मजबूती से उतरने की योजना बना चुका है. नागपुर में उसके करीबी और विश्वासपात्र युवाओं को अपने सट्टे के कारोबार को संभालने के लिए विदेशों और खाड़ी देशों के प्रसिद्द शहरों में भेजने के लिए तैयार कर लिया गया है. जिसके लिए चुने गए युवाओं के परिजनों को वह युवा और उसके परिवार को मुंहमांगी रकम और भविष्य
में कुछ न होने का भरोसा भी दिला रहा है. साथ ही यह भी वादा कर रहा कि जाने वाले बंदों के साथ सिर्फ २ साल के लिए करार कर रहा है और उन्हें २ साल ‘ शानो-शौकत’ की जिंदगी जीने अवसर दे रहा है.

यह वहीं शख्स है जो पिछले दिनों अपने धंधे के लाभार्थियों का नाम उजागर करने वाला था. जिसमें पुलिस व आधा दर्जन प्रमुख समाचार के वरिष्ठ पत्रकारों के संबंध होने का उल्लेख आया था. लेकिन सभी संबंधितों ने अपने ऊपर होने वाली कार्रवाई से खुद को बचते हुए सर्वप्रथम उसे बचाया. जिसके कारण ही उसने अपना मुंह नहीं खोला.

दरअसल वह एक पुराना ठग है, जो झांसे देने में माहिर है. इसके शिकार नागपुर में हज़ारों में है. ९० के दशक में यह बड़ा जुआरी था. कॉलेजो में पढ़नेवाले रईस विद्यार्थियों को रंगीन शौक की लत लगाकर उन्हें अपने ऊपर निर्भर करता था. फिर बड़ी ठगी के उद्देश्य से उन पर या जरूरत पड़ने पर नगदी देकर भी मदद किया करता था. फिर इन्हें जुए का शौक लगवाया और उसके लिए राशि भी उपलब्ध करवाई. बाद में विश्वास जीतने के बाद समय आने पर बड़ी राशि की मांग कर पलटी मार जाना उसकी खासियत थी. इस चक्कर में सुनील को एक युवकों के समूह ने इंदोरा चौक से कमाल चौक के बीच अगवा कर भंडारा रोड के एक खेत में चारपाई से बांध कर पिटाई भी की थी.

ठगी का दूसरा उदहारण यह है कि इसने रेलवे स्थित साईं मंदिर परिसर पर कब्ज़ा कर लिया. अपने पाप को छुपाने के लिए गुरुवार को भोजन दान और मुफ्त में शिर्डी दर्शन वर्षों से करवाना शुरू कर दिया. उल्लेखनीय यह हैं कि इसकी सभी आम नागरिकों को पल पल की खबर है. इससे जुड़े शहर के युवावर्ग क्रिकेट सट्टे के धंधे में जुड़े और आज रंक से राजा हो गए. लेकिन विडम्बना यह है कि सिर्फ पुलिस महकमें और ‘ईडी’ को वह और उसके कारनामें नज़र नहीं आ रहे हैं.