नागपुर: जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.एस. पाटिल (भोसल) की अदालत ने गो डैडी कम्पनी को झटका देते हुए आदेश दिया है कि हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्रा. लि. के समान नाम वाले सभी डोमेन का पंजीयन अगली सुनवाई तक निलंबित किया जाए।
यह आदेश ट्रेड मार्क एक्ट के तहत दाखिल एक याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें हल्दीराम कम्पनी ने आरोप लगाया था कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उनकी प्रतिष्ठा का लाभ उठाते हुए ‘हल्दीराम’ जैसे नामों से फर्जी वेबसाइट और डोमेन तैयार किए हैं। ये डोमेन गो डैडी पर पंजीकृत हैं और इनके माध्यम से लोगों को ठगने की कोशिशें की जा रही हैं।
फर्जी वेबसाइटों से हल्दीराम की छवि को नुकसान
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि हल्दीराम एक प्रसिद्ध खाद्य ब्रांड है, जिसकी आधिकारिक वेबसाइट www.haldirams.com है। यह वेबसाइट 2002 और 2003 में विधिवत ट्रेडमार्क के साथ पंजीकृत की गई है।
इसके बावजूद, कई अज्ञात लोगों ने मिलते-जुलते नामों से वेबसाइटें बना ली हैं, जिनके ज़रिए लोगों से फ्रेंचाइज़ी देने के नाम पर पैसे ठगे जा रहे हैं। कंपनी को देशभर के कई पुलिस स्टेशनों और नागरिकों से इस बाबत शिकायतें और कानूनी नोटिस मिले हैं।
कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हुए दस्तावेज
हल्दीराम कंपनी की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने गो डैडी से कई बार संपर्क कर इन फर्जी डोमेन को हटाने की मांग की, लेकिन गो डैडी ने जवाब दिया कि ऐसा कोई निर्देश यदि कोर्ट द्वारा दिया गया तो ही कार्रवाई संभव है।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि हल्दीराम कंपनी ने कभी भी किसी फ्रेंचाइज़ी, डिस्ट्रीब्यूटरशिप या रेक्टरशिप के लिए आवेदन नहीं मांगे हैं और न ही अधिकृत किया है।
दस्तावेजों से पता चला कि गो डैडी पर हल्दीराम जैसे नामों से मिलते-जुलते 7 डोमेन पंजीकृत हैं, जो आम जनता को भ्रमित कर रहे हैं और आर्थिक धोखाधड़ी को बढ़ावा दे रहे हैं।
कोर्ट का आदेश
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के बाद अदालत ने आदेश पारित किया कि अगली सुनवाई तक हल्दीराम के समान नाम वाले डोमेन का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।










