स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों का पता नहीं
कोंढाली (नागपुर)। एक तरफ नागपुर जिले के ग्रामीण आंचलों में संक्रमण रोग (वायरल-फीवर) पैर पसार रहा है, वहीं दूसरी ओर कोंढाली तथा मेटपांजरा जिला परिषद सर्कल के तहत कोंढाली तथा कचारी सावंगा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य अधिकारियों के पद रिक्त पड़े हैं. फलस्वरूप ग्रामीण आंचल के मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोंढाली तथा कचारी सावंगा के स्वास्थ्य अधिकारियों के पद रिक्त हैं. इसलिए दो स्वास्थ्य केन्द्रों पर मासोद तथा मूर्ति के उप स्वास्थ्य केंद्र के वैद्यकीय अधिकारियों की सेवाएं ली जा रही हैं. इसलिए मासोद तथा मूर्ति के स्वास्थ्य केंद्र के तहत आने वाले गांव के मरीजों को कोंढाली आना पड़ता है. इससे आदिवासी
क्षेत्रों के रुग्णों का श्रम-धन तथा समय नष्ट हो रहा है. मजबूरन निजी डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ रहा है.
फिलहाल स्थानीय निजी अस्पतालों में संक्रमण रोगों के रुग्णों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोंढाली तथा कचरी सावंगा के स्वास्थ्य सेवक तथा स्वास्थ्य सेविकाएं अपने-अपने मुख्यालय में नहीं रहते. संक्रमण रोगों का वक्त रहते इलाज नहीं मिलने से गरीब तथा आदिवासी क्षेत्र के मरीजों को धन तथा समय की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. इस विषय में नागपुर जिला परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सवई से पूछने पर उन्होंने बताया कि कोंढाली तथा कचारी सावंगा के प्राथमिक स्वास्थ्य
अधिकारियों के पद रिक्त है, उनके स्थान पर मासोद-मूर्ति के स्वास्थ्य अधिकारियों से स्वास्थ्य सेवा ली जा रही है. उन्होंने बताया कि रिक्त पद जल्द ही भरे जाएंगे.