टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन
गोंदिया। राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है, इसमें में जो दिखता है वह होता नहीं, और जो होता है वह दिखता नहीं? आगामी विधानसभा चुनाव के मुद्देनजर गोंदिया विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट को लेकर अब सत्ता संघर्ष छिड़ चुका है।
कांग्रेसी विधायक के भाजपा प्रवेश की चर्चा सुनकर अब बीजेपी के गोंदिया ग्रामीण कार्यकारी मंडल ने शहर के सबसे बड़े जलाराम लॉन में 17 सितंबर को आपात बैठक बुला ली।
मौका था प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मनाना, लेकिन केक काटने की रस्म के बाद टिकट हासिल करने लिए शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया। गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से लगभग 5 हजार भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे थे, जिससे जलाराम लॉन इतना हाऊसफूल हो गया कि, उसमें तिल रखने की जगह नहीं थी। सजी-सजाई महफिल मिलते ही मंच पर विराजमान भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का सीना चौड़ा हो गया, जिसके बाद मौजुदा कांग्रेसी विधायक इनके भाजपा प्रवेश पर चर्चा शुरू हुई।
इस बैठक में भाजपा के जिला महामंत्री, तालुका महामंत्री, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, शक्ति केंद्र प्रमुख, बूथ प्रमुख, ग्राम पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच, ग्रा. पं. सदस्य आदि कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस बात का विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया कि, अगर मौजुदा कांग्रेसी विधायक को भाजपा ने गोंदिया विधानसभा का टिकट सौंपा तो हम अपने-अपने पदों से सामूहिक इस्तिफा दे देंगे।
आनन फानन में इस्तिफे का फार्म भी तैयार करवाकर लॉन में बुला लिया गया। 2 हजार फार्म जैसे ही लॉन में पहुंचे, मौजुद बीजेपी पदाधिकारियों ने उसे भरना शुुरू कर दिया। अब यह भरे गए सामूहिक त्यागपत्र के फार्म मौजुदा कांग्रेसी विधायक को टिकट मिलते ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल को भेजे जायेंगे तथा इन इस्तिफा फार्म की प्रतिलिपी विदर्भ विभाग के संगठन मंत्री डॉ. उपेेंद्र कोटेकर, पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके, भाजपा जिलाध्यक्ष हेमंत पटले को भी प्रेषित करने की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
गोंदिया की राजनीति में उबाल
बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने अपना मनोगत व्यक्त करते कहा- अगर कांग्रेसी विधायक बीजेपी में प्रवेश करता है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे भाजपा का काम नहीं करेंगे, क्योंकि 15 साल से विधायक रहते हुए इसने अपने चेहते शासकीय अधिकारियों की बदौलत बीजेपी कार्यकर्ताओं का जिला परिषद, पंचायत समिति, तहसील और उपविभागीय कार्यालय स्तर पर कभी काम होने नहीं दिया और विकास कार्यो में रौढ़ा अटकाया है।
बावजूद इसके मुख्यमंत्री इस अविश्वसनीय व्यक्ति पर विश्वास प्रकट कर रहे है। जिला परिषद चुनाव पश्चात भाजपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के वक्त यह तय हुआ था कि दोनों पार्टियों का कार्यकाल ढ़ाई-ढ़ाई वर्ष का होगा, लेकिन प्रदेश आला कमान के दबाव में आकर स्थानीय बीजेपी पार्टी के कुछ स्वार्थी नेताओं ने हामी भरते हुए जि.प. कांग्रेस अध्यक्ष पद के कार्यकाल को 5 वर्ष का कर दिया।
इतना ही नहीं, पंचायत समिति चुनाव में बीजेपी ने 2 कांग्रेसी सदस्यों को अपने पाले में कर लिया था और गोंदिया पंचायत समिति पर बीजेपी बैठ रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री ऑफिस से फोन आया और दबाव बनाया गया कि कोई भी आवेदन फार्म दाखिल नहीं करेगा और विरोधी दल के दोनों सदस्यों को उनके खेमें में वापस छोड़ दो? एैसी घटनाओं से बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और अब जब इसी अविश्वसनीय नेता की बीजेपी में इन्ट्री हो रही है तो भला निष्ठावान कार्यकर्ता पार्टी में कैसे बने रह सकते है? इसलिए सामूहिक त्यागपत्र 1700 कार्यकर्ताओं ने भरा है, जो इस व्यक्ति के बीजेपी प्रवेश करते ही अपने सभी पदों से इस्तिफा दे देंगे और आनेवाले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार उतारकर उसे विजयी बनाएंगे।
मीटिंग में निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की बनी सहमती
टिकट के लिए कुछ भी करेगा? अभी नहीं तो कभी नहीं? कुछ एैसे ही नारे और घोेषवाक्य बुलंद करते हुए अब गोंदिया-विधानसभा के विभिन्न पदों पर नियुक्त बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश आलाकमान से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। 17 सितंबर को हुई भव्य मीटिंग के बाद आज 18 सितंबर के सुबह गोंदिया ग्रामीण बीजेपी कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल नागपुर की ओर रवाना हो गया। मकसद है..
गोेंदिया में हो रहे विरोध प्रदर्शन से बीजेपी के कद्दावर नेता जे.पी.नड्डा को मामले से अवगत करना तथा इस अवसर पर उपस्थित मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के सामने अपनी भावनाएं व्यक्त करना। कुल मिलाकर बीजेपी कार्यकताओं का गुस्सा इस कदर उफान पर है, कि उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार का चयन भी कर लिया है और उस नाम पर मुहर भी लगा दी है।
रवि आर्य