मुंबई : लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है और इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है जिससे गठबंधन को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाया जा सके।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अशोक चव्हाण ने बताया, ‘हमने मौजूदा राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए एक तीन दिवसीय बैठक बुलाई है। हम सभी 48 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की ताकत की समीक्षा करेंगे। यह एनसीपी के साथ सीट साझा करने के लिए होनी वाली बातचीत के दौरान हमारी मदद करेगा। सीट बंटवारे के फार्म्युले को बताते हुए चव्हाण ने कहा कि नवंबर के समाप्त होने से पहले इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि वह मौजूदा राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करेंगे इसका मतलब यह नहीं कि गठबंधन खतरे में है।
अशोक चव्हाण ने कहा, एनसीपी के साथ हमारा गठबंधन फर्म फूटिंग पर आधारित है। हम लोकसभा का चुनाव एक साथ लड़ेंगे। हमारा लक्ष्य सिर्फ बीजेपी को हराना है। चव्हाण ने कहा कि चूंकि हमने चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने का फैसला किया गया था, इसलिए ऐसा महसूस किया गया कि पार्टी को जिला स्तर के नेताओं राय भी लेनी चाहिए जहां गठबंधन में सीटें साझा की जाएंगी। उन्होंने कहा, सैद्धांतिक रूप से सीटों के बंटवारे का फॉर्म्युले को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। बस कुछ सीटें बची हुई हैं लेकिन वहां कोई मतभेद नहीं है।
हालांकि, कर्नाटक के उपचुनाव में जीत से उत्साहित एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी अधिक सीटों पर दावा करने में भी संकोच नहीं करेगी। उन्होंने कहा, हमने 26 सीटों के लिए कहा है, जबकि एनसीपी ने पूरे राज्य में अपनी बढ़ी ताकत को देखते हुए 24 सीटों के लिए कहा है। पुणे, औरंगाबाद, यवतमाल और अहमदनगर सीटों पर थोड़ा विवाद है। हम उम्मीद करते हैं कि इस विवाद को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के स्तर पर हल कर लिया जाएगा।