नागपुर: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार को निकाले गए विशाल मूक मोर्चे में शामिल होने से पूर्व कांग्रेस के युवा विधायक नितेश राणे ने कहा कि राज्य सरकार के दोनों दल अर्थात भाजपा और शिवसेना, इन दोनों की भूमिका संभ्रम फैलानेवाली है।
भाजपा की ओर से देखा जाए तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वे मराठा आरक्षण के िलए कटिबध्द हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने कोई टाइम बाउंड कार्यक्रम नहीं बताया। वहीं शिवसेना सड़क पर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की बात करती हैं जबकि उनके विधायक सदन के भीतर मराठाओं को जाति के आधार पर आरक्षण देने की मांग करते हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शिवसेना हो या भाजपा दोनों के बीच मराठा आरक्षण को लेकर संभ्रम की स्थिति बनी हुई है। यही वजह है कि मराठाओं के आरक्षण पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।
अब 44 मोर्चों के बाद यह आखरी मोर्चा माना जा रहा है, इसके बाद अंतिम मोर्चा मुंबई में निकाला जाएगा। लेकिन इतने मोर्चों के बाद भी मराठाओं के हाथ क्या लगा यही सबसे बड़ा प्रश्न है।