नागपुर: महाराष्ट्र शिक्षा मंडल द्वारा 11वीं कक्षा के लिए केंद्रीय प्रवेश पद्धति का निर्णय लिया गया है. विद्यार्थियों की आवश्कयतानुसार यह निर्णय लिया गया था. लेकिन अब कुछ विद्यार्थियों को जिन कॉलेजों में एडमिशन मिला है, उस कॉलेज में उनके रूची के विषय उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं. साथ ही जो कॉलेज विद्यार्थियों को मिले हैं, उसी कॉलेज में विद्यार्थियों को एडमिशन लेना अनिवार्य है. जिसके चलते विद्यार्थियों को नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों को होनेवाली इन समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा शिक्षा विभाग के उपसंचालक पटवे को निवेदन सौंपा गया. इस दौरान एबीवीपी के पदाधिकारियों और विद्यार्थियों की ओर से मांग की गई है कि विद्यार्थियों ने जिन विषयों को चुना है कॉलेज की ओर उन्हें वे ही विषय दिए जाएं. अगर उस कॉलेज में सम्बंधित विषय नहीं है तो विद्यार्थियों के लिए दूसरे कॉलेज में एडमिशन की व्यवस्था की जाए.
इस दौरान एबीवीपी के विद्यार्थियों को शिक्षा उपसंचालक पटवे को बताया कि ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पुणे से हो रही है. जिसके कारण इस मांग को पूरा करने के अधिकार उनके पास नहीं है.
विद्यार्थियों की अन्य मांगों में ऑनलाइन प्रवेश मिलने के बाद विद्यार्थियों से रजिस्ट्रेशन फीस न लेते हुए केवल एडमिशन फीस ही लेने की मांग की गई. जिन कॉलेजों ने रजिस्ट्रेशन फीस ली है, ऐसे कॉलेजों पर कार्रवाई करने की मांग भी इस दौरान की गई है. अवैध प्रवेश पर पाबंदी, अवैध रूप से एडमिशन का आश्वासन देने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की मांग की गई है. तीन दिनों के भीतर मांग पूरी ना होने पर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी इस दौरान एबीवीपी की ओर से दी गई है. इस दौरान एबीवीपी के प्रदेशमंत्री विक्रमजीत कलाने पदाधिकारी व विद्यार्थियों मौजूद थे.