Published On : Wed, Mar 10th, 2021

CMD का खदानों पर ध्यान नहीं,मौके का फायदा उठा रहा ZANKYANI

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– छांट-छांट कर कोयला लोडिंग के कारण रोज का टार्गेट बाधित हो रहा

वणी नार्थ – रोडसेल का कोयला लोडिंग के लिए सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक का समय पहले निश्चित किया गया फिर उपक्षेत्रीय प्रबंधक और क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने खरीददारों के हित में फैसला बदलते हुए पूर्व में दिए समय को EXTENSION कर रात 10 बजे तक लोडिंग करने अनुमति आदेश जारी की.दूसरी ओर कोयला छांट-छांट कर भरने के कारण रोज का टार्गेट (40 ट्रक/टिप्पर) पूर्ण नहीं हो रहा,इसलिए लोडिंग का समय समाप्त होने के बाद रोजाना 6 से 8 ट्रक/टिप्पर कोल् स्टॉक क्षेत्र में खड़ी रहती हैं.उक्त घटनाक्रम पर AREA GENERAL MANAGER ISHWARDAS ZANKYANI का कहना हैं कि जिसे जहाँ-जहाँ शिकायत करना हैं करें,उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता,वैसे भी जून 2021 में मेरा सेवानिवृत्ति हैं,अर्थात उक्त प्रकरण से वेकोलि को हो रहे नुकसान पर वर्त्तमान CMD MANOJ KUMAR GUPTA गंभीर नहीं,फिर मुमकिन नहीं कि इनके कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय कार्य हो पाएगा ?

WCL की WANI NORTH क्षेत्र अंतर्गत KOLAR PIMPRI OPENCAST MINES के COAL STOCK CLEARANCE को ध्यान में रखते हुए MIX COAL की निलामी की गई.व्यापारियों को STOCK से उनके ट्रकों में कोयला LOAD करने का ठेका विवादास्पद मेसर्स गंगा ट्रांसपोर्ट को दिया गया.यह स्थानीय अधिकारियों से मिलीभगत कर चिन्हित व्यापारियों को छांट-छांट के कोयला भर के दे रहा.इससे रोजाना लोडिंग का टार्गेट तो प्रभावित हो रहा,तय समय में कोयला लोडिंग कर नहीं दी गई तो सम्बंधित व्यापारियों को REFUND करना पड़ सकता हैं,उक्त कृत पर NODEL OFFICER ने आक्षेप लिया तो उन्हें मारने की धमकी दी,इसकी शिकायत करने सुरक्षा रक्षक-अधिकारी वणी थाना गए तो AREA GENERAL MANAGER ISHWARDAS ZANKYANI ने फटकार लगते हुए उन्हें बिना मामला दर्ज करवाए बुला लिया,अर्थात ‘सम्पूर्ण दाल ही काली हैं’.ऐसे मामलों पर भी नए CMD MANOJ KUMAR GUPTA गौर करें,अन्यथा कार्यकाल में दाग लगते देर नहीं लगेगी।

मालूम हो कि WCL की कोलार पिम्परी OPENCAST खदान के कोल स्टॉक से रोडसेल के तहत MIX COAL की निलामी हुई। स्टॉक में ढाई लाख टन कोयला था। जिसमें से 45 दिनों में 48000 टन मिक्स कोयला उठाने हेतु निलामी की गई,कुछ व्यापारियों ने 2000 तो कुछ ने 5000 टन से अधिक मिक्स कोयला का परमिट लिया। इन व्यापारियों को उनके ट्रैकों में कोयला भर कर देने का ठेका विवादित गंगा ट्रांसपोर्टर को दिया गया।इसके लिए स्थानीय WCL प्रबंधन ने साप्ताहिक कार्यक्रम बनाया,जिसके तहत रोजाना ३८ से 40 ट्रकों में लोडिंग का ठेका लेने वाली गंगा ट्रांसपोर्ट को कोयला लोडिंग करना अनिवार्य किया गया.टेंडर में यह भी नियम था कि जिन व्यापारियों को 5000 टन या उससे अधिक का परमिट दिया गया था,वे अपनी मशीन भी लगाकर कोयला उठा सकते हैं.5000 टन से नीचे के परमिट धारकों को गंगा ट्रांसपोर्ट द्वारा कोयला भर कर देना था.

छांट-छांट कर भरा जा रहा
गंगा ट्रांसपोर्टर पर स्थानीय वेकोलि प्रबंधन शुरू से ही मेहरबान रही हैं.इसलिए गंगा ट्रांसपोर्टर खुलेआम ग़ैरकृतों को बखूबी अंजाम दे रहा.इस बार गंगा ट्रांसपोर्टर कोल स्टॉक से कोयला छांट-छांट कर चिन्हित परमिट धारक व्यापारियों के ट्रांसपोर्ट में भर रहा,इसके लिए वह 150 रूपए प्रति टन व्यापारियों से अतिरिक्त वसूल रहा.इस कारण रोजाना लोडिंग का टार्गेट बुरी तरह प्रभावित हो रहा,ऐसा आरोप इंटक फेडरेशन के संगठन सचिव आबिद हुसेन ने लगाया।

हुसेन का आरोप हैं कि रोडसेल का कोयला लोडिंग के लिए रोज का SCHEDULE बनाया गया था,इस हिसाब से 22 मार्च 2021 तक रोजाना लगभग 40 ट्रक/टिप्पर कोयला भरकर व्यापारियों को देना हैं,इसके बाद तय कोयला न देने पर उनके पैसे वापिस करने का नियम हैं.लेकिन रोजाना 6 से 8 ट्रक/टिप्पर कम कोयला लोडिंग हो रही,नतीजा खाली ट्रक/टिप्पर कोल् स्टॉक में रोजाना काम बंद होने के बाद खड़ी रहती हैं,जबकि उन खाली गाड़ियों को कोल् स्टॉक क्षेत्र से बाहर कर उनका टोकन रद्द करना चाहिए था.इन गाड़ियों को बाहर करवाने के लिए सुरक्षा रक्षक पहल करते तो ट्रांसपोर्टर मनमानी करते,इसकी शिकायत के लिए उपक्षेत्रीय प्रबंधक प्रसाद को संपर्क किया जाता तो उनका ऐन वक़्त पर रोजाना मोबाइल बंद रहता हैं.

video https://youtu.be/vQ9VtSV4sOs