Published On : Wed, Mar 4th, 2015

यवतमाल : सीएम ने किसान ढुमने के यहा खाई भर्ता रोटी

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CM Having lunch at farmer house
यवतमाल। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणविस ने 3 मार्च मंगलवार की रात 11:05 बजे पिंपरी बुटी (यवतमाल तहसील) गाव  पहुंचकर यहा के किसान विष्णु रंगराव ढुमणे (63) के यहा रात्री का भोजन किया. जिसमें उन्होने ज्वार की रोटी, बैगन का भर्ता, सुखी हुई दाल और चावल, मिर्ची का ठेचा का स्वाद लिया. इस समय मुख्यमंत्री जमिन पर बिछाई गई चादर पर बैठे थे. उनके बाजू में किसान विष्णू ढुमणे, बाद में पालकमंत्री संजय राठोड, विधायको में राजु नजरधने, अशोक उईके, ने भी खाना खाया. हमेशा डायनिंग टेबल परना खाने के लिए बैठनेवाले सीएम देवेंद्र फडणविस जमिन पर बिछाई चादर परमांडी मारकर बैठकर भोजन किया. कल रात सीएम 8 बजे रातचांदणा गाव पहुंचे. वहा के किसानो से मिलकर उनकी समस्या निवारण करने का वादा किया. रात 9 बजे घोडखिंडी गाव पहुंचे. वहापर भी किसानों का दुखदर्द समझा. रात 10:30 बजे वे पिंपरी गाव में पहुंचे.जहा जिला परिषद स्कुल के प्रांगण में बडी संख्या में महिलाए उपस्थित थी.

यहा गाव के लोगों से बात करने के हेतु सीएम के लिए माईक की व्यवस्था की गई थी, लेकिन यह माईक भी इसी दौरान बंद हुआ. जिसमें किसान विधवाओ का समावेश था. इन लोगो से भी बातचित कर उनकी समस्या पुछकर  उसका निवारण प्राथमिकता देकर किया जाएगा. ऐसा आश्वासन उन्हे दिया. बाद में गाव के लोगो के ज्ञापन भी उन्होने लिए. उसके बाद वे विष्णू रंगराव ढूमणे के घर पहुंचे. वहा उन्होने गाव के ने का स्वाद चखा. इस खाने में किसी प्रकार की मिठाई तो नही थी मगर सीएम देवेंद्र फडणविस को यह खाना 56 भोगसे भी ज्यादा स्वादीष्ट लगा. इस किसान के पास 5 हेक्टर 10 एकड़ खेती है. जिसपर जिला बैक से संलग्र सहकारी सोसायटी अकोला बाजार से फसल कर्ज लिया हुआ है. इसी प्रकार इस किसान को कुआ भी किसी सरकारी योजना के तहत दिया गया है. 1958 में इस किसान को कुल कानुन के तहत यह खेती मिली थी. विष्णु का बडा परिवार है. उसमे से अधिकांश रिश्तेदार अब अलग रहते है. इसमें उसके भाई अशोक, नंदकमार, भगवान, मनोहर आदि का समावेश है. इन भाईयों के बच्चो का भी परिवार यही रहता है. उनकी भी खेतीयां इस गाव में है.

यवतमाल से 22 किमी दुर पिंपरी बुटी यह गाव  है. चार पाच दिन पहले तक इस गाव की जानकारी किसी को नही थी. मगर अब 1600 जनसंख्यावाले इस गाव का नाम यवतमाल जिले मे ही नही तो अपितु महाराष्ट्र में पहुंच गया है. क्यों की राज्य के सीएम देवेंद्र फडणविस ने इस किसान के घर रात का खाना ही नही खाया तो उसके घर सोए भी. सोने के पहले पारिवारीक सदस्यो का हालचाल पुछा. उसके बाद वे मुख्य मुद्दे पर आए. उन्होने विष्णु से पुछ लिया की किसान आत्महत्या रोकने के लिए क्या किया जा सकता है. आत्महत्या करने के कारण क्या है, इसपर प्रकृती द्वारा समय पर वर्षा न होने से फसलो के लिए लिया गया कर्ज चुका न पाना, पारीवारीक जिम्मेदारीयां ऐसे होने के कारण वहन न कर पाना, आदि बताया. इसी के साथ अधिकांश किसानो के पास सिचाई की व्यवस्था न होने सेे वे सालभर में खरीप की फसल पर निर्भर रहते है. और खरीप का मौसम वर्षा पर निर्भर होता है. वर्षा नही आयी तो लगाई गई लागत भी नही निकलती.