Published On : Sat, Mar 2nd, 2019

शहर के सिंघम, डीसीपी संभाजी कदम !

Advertisement

उपराजधानी में बढ़ते क्राईम पर लगाई लगाम

महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर शहर में 11 जनवरी 2017 को जोन 3 के डीसीपी के तौर पर पहली पोस्टिंग मिलने के तीन महीने के दौरान ही उन्होंने दो गैंगों के ऊपर मकोका की कार्यवाही कर अपराध जगत में यह साफ संदेश दे दिया कि अब अपराधियों के दिन लदनेवाले हैं.

अपराधियों पर प्रिवेंशन की कई कार्रवाई की. इस दौरान महानगर पालिका के इलेक्शन के दौरान भी जिम्मेदारी अच्छे तरीके से निभाई. यही नहीं शहर के लिए धार्मिक उत्सवों के दौरान शांति बनाए रखने में विशेष सफलता हासिल की. इसमें रामनवमी के दौरान लगाए जानेवाले बंदोबस्त की सफलता भी एक बड़ी उपलब्धी मानी जाने लगी. खास तौर से होली जैसे त्योहारों में एक भी अपराध उनके झोन ३ में दर्ज न होना भी अचंभे से कम नहीं.

इन सारे ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. के वेंकटेश्म ने उन्हें 1 मई 2017 को अपराध शाखा की जिम्मेदारी सौंपी. डीसीपी स्तर के अधिकारियों में सबसे ज्यूनियर होने से क्राईम ब्रांच की जिम्मेदारी एक चुनौती थी, यही वजह है कि सबकी नजरें इन पर टिकी हुई थीं. लिहाजा पदभार सम्हालते ही उन्होंने क्राईम ब्रांच का जायजा लिया. टीम की मॉनिटरिंग कर उसे काम में लगाया. कमियों को दूर किया. रोजाना क्राईम ब्रांच की पांचों यूनिटों ने क्या काम किया इसका डेली जायजा लेना शुरू किया. रोज सुहब क्राईम ब्रांच में रोल कॉल शुरू किया. रोल कॉल में रोज टास्क देना शुरू किया. जिन कर्मचारी अधिकारियों ने अच्छा काम किया उन्हें रिवार्ड देकर नवाजा. सभी यंग अधिकारियों का अच्छे तरीके से साथ मिला. जो पुलिस कर्मचारी या अधिकारी अपराधियों से मिले थे, उन्हें सस्पेंड किया और कुछ लोगों को हेडक़्वार्टर का रास्ता दिखाया.

यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल अपराधों में कमी देखी जा रही है. चैनस्नैचिंग, मर्डर ,डकैती, अपहरण जैसे संगीन अपराधों में नियंत्रण पाया जा सका. सबसे महत्वपूर्ण नागपुर शहर को ड्रग्स मुक्त शहर बनाने में क्राईम ब्रांच के NDPS सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दो साल में 250 से अधिक अपराधी जेल भेजे गए हैं और 5 करोड़ से ज्यादा माल जब्त किया जा चुका है. कई अपराधिक गैंगों का सफाया किया गया है. साथ ही नागपुर शहर से लगभग सारे हुक्का पार्लर तथा हुक्का सेंटरों पर छापा मार कारवाई करके उन्हें बंद किया गये.

भूमाफियाओं के खिलाफ SIT स्थापित की
शहर में बढ़ते भूमाफियाओं की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए SIT स्थापित की. इससे आम नागरिकों के 800 से अधिक प्लॉट वापस किए. 40 मामले दाखिल किए. दो अपराधिक गैंग पर मकोका के तहत कारवाई की. कुख्यात भूमाफिया दिलीप ग्वालवंशी गैंग पर मकोका की कारवाई कर उनसे 100 एकड़ से अधिक करोड़ों रुपयों की जमीन जब्त की. जर्मन जापान गैंग पर भी मकोका लगाया. इन्वेस्टर नागरिको के तीन करोड़ रुपयों से अधिक रुपए लौटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

सामाजिक सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी क्राईम ब्रांच को सौंपी गई
सामाजिक सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी क्राईम ब्रांच को सौंपी गई तो नागपुर शहर सहित सेक्स रैकेट से सभी दलालों तथा सेक्स वर्करों पर जोरों शोरों से कार्रवाई का दौर शुरू किया. रिहायशी इलाका हो या पंचतारा होटल, जहां भी सेक्स रैकेट चलता वहां उसका भांडा फोड़ किया. साथ ही विदेशी सेक्स वर्कर को भी गिरफ्तार किया गया. ऑनलाइन सेक्स रैकेट भी पकड़ने में सफलता हासिल की.

महाराष्ट्र में नागपुर शहर में 2017 में सबसे ज्यादा MPDA के तहत कार्रवाई की गई. इस कड़ी में 36 अपराधियों पर इसकी गाज गिरी. 2018 में MPDA के तहत 17 अपराधियोंको जेल भेजा गया.

डीसीपी क्राईम के अंतर्गत – यूनिट 1 से यूनिट 5 तक नागपुर शहर की जिम्मेदारी, साथ ही सीसीटीएनएस, डॉग स्कवॉड, MOB, SSB, रीडर ब्रांच,फिंगर फ्रंट डिपार्टमेंट, मिसिंग दस्तों का गठन, भरोसा सेल, बड़ी कॉप्स, पैरवी अधिकारी, दामिनी दस्ता, हाईकोर्ट सेल, नोडल ऑफिसर्स,
NDPS सेल, MPDA सेल इतने विभाग की जिम्मेदारी डीसीपी क्राईम ब्रांच के संभाजी कदम ने संभाली है. खुद के काम से वह संतुष्ट हैं. MIDC का एक मर्डर अनडीटेक्ट है और कामठी के सुजल वासनिक अपहरण में कोई सुराग नहीं मिला है. साथ ही अधिवक्ता धवड़ दम्पति का सुराग नहीं लगा. इस मोर्चे पर उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है. सारी कोशिश करने के बाद उन्हें इसमें सफलता नहीं मिलनेसे उन्हें बहुत मलाल होता है.

रविकांत कांबले
नागपुर टुडे