Published On : Wed, Mar 6th, 2019

शहर भाजपा को सेना की दरकार नहीं !

Advertisement

एक भी कार्यक्रम में सेना को मंच साझा करने का अवसर नहीं दे रहे

नागपुर: लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना में युति होने के बावजूद नागपुर में सत्ताधारी भाजपा भूमिपूजन व लोकार्पण कार्यक्रम में शिवसेना को दूर रखने से शिवसैनिकों में खलबली मची हुई हैं.इसलिए भी कि सक्रिय व निष्ठवान शिवसैनिक घर बैठे हैं और जो सक्रिय दिख रहे वे जनाधार हैं,ऐसी मनसा भाजपा कार्यकर्ताओं की हैं.

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता किसी भी क्षण लग सकती हैं.इसलिए सत्ताधारी भाजपा का आनन्-फानन में उद्धघाटन,लोकार्पण,भूमिपूजन कार्यक्रम धड़ल्ले से शुरू हैं.इस क्रम में आज और कल दर्जनभर कार्यक्रम की फेरहिस्त हैं.इसमें मेट्रो रेल का उद्धघाटन,,अजनी रेलवे स्टेशन के पास इंटर मॉडल स्टेशन आदि बड़े प्रकल्पों का समावेश हैं.इन कार्यक्रमों में खोज-खोज के भाजपा पूर्व-वर्त्तमान पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया.निमंत्रण पत्रिकाओं में सिर्फ और सिर्फ भाजपा नेताओं को जगह दी गई.

दूसरी ओर भाजपा ने उक्त आयोजनों में शहर शिवसेना को रत्तीभर भी जगह नहीं दी गई.इससे शहर में अपने अस्तित्व को लेकर वे झल्ला से गए हैं.
शिवसेना के तथाकथित स्थानीय नेता मंडली कितनी भी गाजे-बजे कर लें,उनकी हकीकत किसी से छुपी नहीं हैं.शहर में शत-प्रतिशत भाजपा का प्रभाव हैं,सेना के २ नगरसेवक जो की खुद के बल पर नगरसेवक बने और शहर में पिछले एक दशक से शिवसेना को जिंदा रखे हुए हैं,उन्हें भी शिवसेना ने नज़रअंदाज कर शिवसेना ने अपनी कार्यशैली से शहर को आभास करा चुके हैं.

लोकसभा चुनाव में शहर में शिवसेना ने आँख दिखने की कोशिश की तो रामटेक लोकसभा चुनाव से खड़े होने वाले सेना उम्मीदवार को भाजपा घर बैठाने की ताक़त रखती हैं.शहर के जो भी शिवसैनिक भाजपा पर उंगलियां उठा रहे दरअसल वे चुनावी मौसम में अपना ‘टीआरपी’ बढ़ा कर अपना उल्लू साधने के फ़िराक में हैं,उक्त आरोप भाजपाइयों ने व्यक्त की.

विस् चुनाव में वर्त्तमान सीट नहीं छोड़ेंगी भाजपा
विधानसभा चुनाव में नागपुर जिले में कुल १२ सीटें हैं.वर्ष २००९ के विस चुनाव के अनुसार कुल १२ में से नागपुर शहर की दक्षिण नागपुर और रामटेक लोकसभा क्षेत्र की रामटेक व काटोल विधानसभा सेना के कोटे में हैं.पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और सेना ने अलग-अलग चुनाव लाडे थे लेकिन सेना एक भी सीट जीत नहीं पाई थी,कांग्रेस भी कुल १२ में से एकमात्र सीट सावनेर ही जीत पाई थी.

भाजपा सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की रणनीत यह हैं कि सम्पूर्ण जिले में वर्त्तमान में जितने भी सीट पर भाजपा के विधायक हैं,आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा इन सीटों पर अपनी दावेदारी कायम रखते हुए शेष सीटों में अदला-बदली करेंगी।अर्थात भाजपा-सेना युति भले ही हो गई,इससे भाजपा के वर्त्तमान विधायकों को डरने की जरुरत नहीं।

सेना को रामटेक या फिर काटोल के बदले मिलेंगा सावनेर विस
खापड़खेड़ा शिवसेना के सूत्रों के अनुसार आगामी विधानसभा चुनाव में सेना के कोटे में सावनेर विधानसभा सीट जाने की संभावना हैं.वर्त्तमान में यहाँ कांग्रेस का विधायक हैं.सेना के कोटे में यह सीट गई तो इस दफे विस उम्मीदवारी के लिए २ बीवी वाले सेना पदाधिकारी झिंगुर दावेदारी करने वाले हैं.उनकी तैयारी अभी से ही शुरू हो चुकी हैं.एक दशक पूर्व खापड़खेड़ा ग्राम पंचायत चुनाव में दूसरी बाजी मारी थी.