– अपूर्व विज्ञान मेला – 2019
– आज पहुंचेंगे केंद्रीय मंत्री गडकरी
नागपुर: असोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक सायंस एजुकेशन और नागपुर महानगर पालिका के संयुक्त तत्वावधान में अपूर्व विज्ञान मेला तीसरे दिन भी जारी रहा। विद्यार्थियों के साथ ही पालक भी बच्चों के साथ मेला देखने पहुंचे। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, अमरावती और वाशिम आदि स्थानों से भी छात्र-शिक्षक प्रयोग देखने पहुंचे। विज्ञान प्रसार के सहयोग से सायंस क्विज विशेष आकर्षण का रहा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शनिवार को भेंट देंगे।
विद्यार्थियों के लिए उपयोगीः मिश्रीकोटकर
मनपा शिक्षणाधिकारी प्रीति मिश्रीकोटकर ने भी विज्ञान मेला का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अपूर्व विज्ञान मेला के माध्यम से मनपा शालाओं के विद्यार्थियों की प्रतिभा विकसित करने का अवसर प्रशंसनीय है। इसके लिए सुरेश अग्रवाल सहित अपूर्व विज्ञान मेला की पूरी टीम बधाई की पात्र है। इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए। इस अवसर पर चाइल्ड साइंस कांग्रेस के झारखंड कोआर्डिनेटर वी.एस. आनंद, एजुकेशन काउंसिलर उमेश कोठारी, गणित माध्यमिक मंडल के पंचभाई, मनपा के मेला समन्वयक राजेंद्र पुसेकर भी उपस्थित थे।
सायंस क्विज में भाग लिया बच्चों ने
सायंस क्विज में बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इधर प्रश्न पूछे नहीं कि उत्तर हाजिर हो जाता था। तीन चरणों में तीन-तीन बच्चों के पांच समूह इसमें शामिल किये गए। हर चरण में तीन समूह प्रथम, दूसरा और तीसरे क्रम में विजेता रहे। शनिवार और रविवार को भी क्विज जारी रहेगा। क्विज का संचालन सचिन नरवडिया और नीता गडेकर कर रहे हैं। योगगुरु चंद्रकुमार नरवडिया ने पुरस्कार वितरण किया।
दोस्ती विज्ञान से
अपने घोष वाक्य आओ करें दोस्ती विज्ञान से को साकार करते हुए यहां 100 प्रयोग प्रदर्शित किए गए हैं। सभी प्रयोग सहजता से विज्ञान के कठिन नियमों से आगंतुकों को अवगत कराते हैं। न्यूटन का तीसरा नियम, हर क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है, समझाने के लिए एक छोटी बॉल को दोनों साइड से मुड़ी हुई स्ट्रा का प्रयोग किया गया है। ऊपर से बॉल में फूंकने पर वह गोल-गोल घूमता है। आमतौर पर किताबों में ही शरीर की भीतरी संरचना को समझाया जाता है लेकिन यहां शरीर के भीतरी अंगों को जानवर के अंगों के माध्यम से समझाया गया है। पेपर के पाँच पिलर्स पर 3 इंटों को रखा देखकर दंग रह जाते हैं। इसका कारण यह है कि इंटों का भार सभी पिलरों पर बंट जाता है इसलिये वह नहीं गिरता। पेंडुलम नाक के पास से छोड़े जाने पर ऐसा लगता है कि वापस आकर नाक से टकराएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि हवा से टकराकर पेंडुलम की गति कम हो जाती है। नुकीले कीलों की कुर्सी पर बैठने के बावजूद कील नहीं चुभती।
जानकारी अंतरिक्ष की, बिना मिट्टी खेती की
रिसोर्स पर्सन के तौर पर देशभर के विज्ञान प्रसारक भी मेला में आए हुए हैं। इनके द्वारा दी जा रही जानकारियां भी बच्चों को खासा आकर्षित कर रही है। रिसोर्स पर्सन के तौर पर कोलकाता के कृष्णेन्दु चक्रवर्ती, पटना के मो. जावेद आलम, कोल्हापुर के रामचंद्र लेले, इलाहाबाद के डॉ. ओ.पी. गुप्ता, होशंगाबाद के महेश बसेड़िया, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के हरीश देशमुख मार्गदर्शन कर रहे हैं। एकलव्य प्रकाशन, भोपाल की लोकप्रिय विज्ञान पुस्तकों का स्टॉल भी लगाया जा रहा है।
अपूर्व विज्ञान मेला 1 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 4 बजे तक राष्ट्रभाषा भवन परिसर (उत्तर अंबाझिरी मार्ग, आंध्र एसोसिएशन भवन के बगल में) में विद्यार्थियों, शिक्षकों और विज्ञान प्रेमियों के लिए शुरू रहेगा। प्रवेश निःशुल्क है। अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रभाषा भवन (फोन 0712 – 2523162) से संपर्क किया जा सकता है।